Prakash Padukone Statement: भारत के दिग्गज बैडमिंटन प्लेयर रहे प्रकाश पादुकोण ने भारतीय एथलीटों के मेडल से चूकने पर बयान दिया है, जिसने काफी बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है. ब्रॉन्ज मेडल मैच में लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) की हार के बाद पादुकोण का कहना है कि एथलीटों के पदक ना जीतने पर सरकार को दोषी नहीं ठहराया जा सकता. उनके अनुसार सरकार ने अच्छी व्यवस्था कर रखी है, लेकिन आखिरी मौके पर मेडल ना जीत पाने का जिम्मेदार खिलाड़ियों को ठहराया जाना चाहिए. इस विवादित बयान पर भारत की डबल्स बैडमिंटन खिलाड़ी अश्विनी पोनप्पा (Ashwini Ponappa) ने बड़ा बयान दिया है.


प्रकाश पादुकोण ने क्या कहा?


याद दिला दें कि लक्ष्य सेन को पुरुष सिंगल्स बैडमिंटन प्रतियोगिता के ब्रॉन्ज मेडल मैच में पहला सेट जीतने के बावजूद 21-13, 16-21, 13-21 से हार झेलनी पड़ी थी. इस विषय पर प्रकाश पादुकोण ने कहा, "1964 में मिल्खा सिंह और 1980 के दशक में पीटी ऊषा, हम लंबे समय से चौथे स्थान पर फिनिश करते आ रहे हैं. मेरा मानना है कि अब वह समय आ गया है जब खिलाड़ियों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए. इस ओलंपिक्स और पिछले ओलंपिक खेलों के परिणामों पर आप सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते. उन्हें जो करना था, वो किया जा चुका है, लेकिन अंत में जिम्मेदारी खिलाड़ी की होती है कि वह तब अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करे जब उसकी सबसे ज्यादा जरूरत हो."


अश्विनी पोनप्पा का तीखा प्रहार


इस पर भारत की महिला बैडमिंटन खिलाड़ी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इंस्टाग्राम पर स्टोरी अपडेट करते हुए लिखा, "यह देखना निराशाजनक है. अगर कोई खिलाड़ी जीतता है तो हर कोई क्रेडिट लेने पहुंच जाता है लेकिन वो हार जाते हैं तो यह खिलाड़ी का दोष है. तैयारी में कमी के लिए कोचों को जिम्मेदार क्यों नहीं ठहराया जाता. वे कोच ही होते हैं जो जीत का क्रेडिट लेने सबसे पहले आते हैं, तो फिर हार की जिम्मेदारी लेने में क्या दिक्कत है. अंत में जीत टीम वर्क से मिलती है और हार के लिए भी पूरी टीम को ही टारगेट किया जाना चाहिए. आप अचानक खिलाड़ी को दोषी नहीं ठहरा सकते."






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