Tokyo Paralympics 2020: टोक्यो में चल रहे पैरालंपिक गेम्स में आज नोएडा के डीएम सुहास एल यथिराज ने भारत के लिए सिल्वर मेडल जीत इतिहास रचा है. फाइनल मैच के बाद वर्ल्ड नंबर थ्री सुहास ने एबीपी न्यूज से सबसे पहले खास बातचीत की. सुहास ने एबीपी न्यूज को बताया, "मैं खुशी भी महसूस कर रहा हूँ साथ ही थोड़ा निराश भी हूं. खुशी इस बात की है कि मैं देश के लिए सिल्वर मेडल जीत पाया. हालांकि मैं हाथ में आया गोल्ड मेडल जीतने से चूक गया इसलिए निराश भी हूं."


साथ ही सुहास ने कहा, "पैरालंपिक में सिल्वर मेडल जीतना गर्व की बात है. मैं सबका तहेदिल से धन्यवाद देना चाहता हूं. जिन्होंने मेरे लिए चीयर किया. कोई भी अच्छी चीज आसानी से नहीं मिलती है. वर्ल्ड स्टेज पर कुछ भी जीतना आसान नहीं है. लेकिन जुनून हो और जोश हो तो पूरी कायनात आप जो चाहते हैं वो आपको लाकर देती है. ये मेरी खुशकिस्मती है कि मैं यहां तक पहुंच पाया हूं."


सुहास ने अपने परिवार, कोच, दोस्तों और सरकार को कहा शुक्रिया 


अपने खेल में किसका सबसे ज्यादा योगदान रहा? इस सवाल पर सुहास ने कहा, "जैसे कहते है कि मेडल मिलते है तो खिलाड़ी सामने रहते हैं. लेकिन उसके पीछे बहुत से लोगों का सपोर्ट रहता है. इसमें मेरे साथ यहां खड़े इंडियन टीम के कोच गौरव खन्ना जी का भी बड़ा योगदान है. इन्होंने ही मुझे पैरा-बैडमिंटन के खेल के बारे में बताया. मेरे स्वर्गीय पिताजी अगर आज जिंदा होते तो बहुत खुश होते."


साथ ही उन्होंने बताया, "मेरे परिवार, मां और पत्नी सभी ने मेरा खूब साथ दिया है. साथ ही मेरे दोस्तों ने भी मेरा हौसला बढ़ाया. सरकार ने भी अपनी तरफ से हम पैरा-एथलीट की हर सम्भव मदद की हैं. मैं आज बहुत खुश हूं और तहेदिल से सबका धन्यवाद देना चाहता हूं."


फाइनल में कड़े संघर्ष के बाद हारें सुहास  


सुहास आज बैडमिंटन के मेंस सिंगल्स SL4 इवेंट के गोल्ड मेडल मैच में कड़े संघर्ष के बावजूद फ़्रांस के एल माजुर से 21-15, 17-21, 15-21 से हार गए. हालांकि इस हार के बावजूद भी उन्होंने भारत के लिए इन पैरालंपिक गेम्स में इतिहास रच दिया और सिल्वर मेडल अपने नाम किया. 


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