टोक्यो ओलंपिक में भारत की पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल बाद एक बार फिर मेडल जीत इतिहास रचा था. जर्मनी के खिलाफ ब्रॉन्ज मेडल के निर्णायक मुकाबले में भारत ने 5-4 के अंतर से हराया था. एबीपी न्यूज़ के खेल संवाददाता कुंतल चक्रवर्ती से एक खास बातचीत में हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने बताया कि मैच से पहले उन्होंने अपने साथी खिलाड़ियों से कहा कि, 3 सालों में हमलोगों जो मेहनत की है इसको साबित करने का यहीं एक आखरी मौका है. 

 

मनप्रीत सिंह ने कहा, "ब्रॉन्ज मेडल निर्णायक मुकाबले से पहले मैंने टीम के सभी साथियों को कहा था की 60 मिनट आपको जी जान लगाकर खेलना है, क्योंकि पिछले 3 सालों में हम लोगों ने जो मेहनत की है उसको साबित करने का यहीं एक आखिरी मौका है. इस बार हॉकी टीम को खाली हाथ वापस नही जाना चाहिए." 


वहीं टीम के दो अन्य सदस्य रुपिंदर पाल सिंह और सिमरनजीत सिंह का मानना है कि इस बार टोक्यो ओलंपिक में भारत की महिला और पुरुष हॉकी टीमों ने जिस तरह का प्रदर्शन किया है, इससे देश मे हॉकी का खेल फिर से पुनर्जीवित होंगे. इस बात पर कोई संदेह नही है. 


आज अमृतसर पहुंचें पंजाब के सभी खिलाड़ी, स्वर्ण मंदिर में टेकेंगे माथा 

 

भारतीय की ओलंपिक टीम में शामिल पंजाब के सभी खिलाड़ी आज अमृतसर पहुंचें. यहां पहुंचकर इन सभी खिलाड़ियों ने सबसे पहले स्वर्ण मंदिर जाकर माथा टेका. इसके बाद जालंधर कैंट के मिट्ठापुर में खिलाड़ियों का जोरदार स्वागत किया जाएगा. जालंधर में खिलाड़ियों के लिए डिनर भी रखा गया है. बता दें कि, पंजाब का मिट्ठापुर क्षेत्र हॉकी खिलाड़ियों के लिए मशहूर है. टोक्यो ओलंपिक खेलने गई भारतीय हॉकी टीम में भी तीन खिलाड़ी मिट्ठापुर के हैं. पूर्व ओलम्पियन परगट सिंह से लेकर मौजूदा हॉकी कैप्टन मनप्रीत सिंह तक मिट्ठापुर ने देश को कई नामी खिलाड़ी दिए हैं. 


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