Tokyo Olympics 2020: टोक्यो ओलंपिक में भारत और के लिए आज का दिन बेहद खास था. भारत के लिए तलवारबाजी के मुकाबले में हिस्सा ले रहीं सीए भवानी देवी ने मैदान में उतरते ही इतिहास रच दिया. चेन्नई की रहने वाली भवानी देवी ओलंपिक में हिस्सा लेने वाली पहली भारतीय तलवारबाज हैं. इतना ही नहीं ट्यूनीशिया की नादिया बेन अजीजी के खिलाफ जीत दर्ज कर वो ओलंपिक में तलवारबाजी का मैच जीतने वाली भारत की पहली एथलीट भी बन गई हैं.


भवानी देवी ने तलवारबाजी के महिला सेबर व्यक्तिगत टेबल ऑफ 64 मैच में 15-3 के अंतर से एकतरफा जीत हासिल की. हालांकि वो अपने इस एतिहासिक सफर को इस से आगे नहीं बढ़ा सकीं और टेबल ऑफ 32 के उनके दूसरे मैच में वर्ल्ड नंबर तीन फ्रांस की मैनन ब्रुनेट के हाथों हारकर ओलंपिक से बाहर हो गई. भवानी देवी ने इस मैच में ब्रुनेट को कड़ी टक्कर दी लेकिन अंत में फ्रांस की खिलाड़ी ने अपने अनुभव का फायदा उठाते हुए 7-15 के अंतर से ये मुकाबला जीत लिया. 


8 बार की नेशनल चैंपियन हैं भवानी 


27 वर्षीय भवानी देवी चेन्नई के वाशेरमनपेट की रहने वाली हैं. उनके पिता यहां एक मंदिर में पुजारी थे. 2019 में अपने पिता को खोने वाली भवानी ने हंगरी में आयोजित तलवारबाजी के वर्ल्ड कप में एडजस्टेड ऑफिशियल रैंकिंग (AOR) के आधार पर ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर इतिहास रच दिया था. उन्होंने साल 2004 में तलवारबाजी में अपने करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और 8 बार नेशनल चैंपियनशिप का खिताब जीता.  


2016 के रियो ओलंपिक के लिए नहीं कर पाई थीं क्वालीफाई 








बता दें कि, भवानी देवी 2016 के पिछले रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रही थी. हालांकि वो इस से निराश नहीं हुई और ओलंपिक में देश के लिए खेलने के अपने ख्वाब को पूरा करने के लिए उन्होंने एक बार फिर जी तोड़ मेहनत शुरू कर दी. इसके लिए उन्होंने इटली में कोच निकोला जानोट्टी के अंडर कोचिंग ली और अपने खेल को और बेहतर बनाया. भवानी ने लगभग पांच साल तक अपने परिवार से दूर रहकर यहां कड़ी ट्रेनिंग की.


सेबर (Sabre) इवेंट में लेती हैं हिस्सा 


भवानी देवी तलवारबाजी की के सेबर इवेंट में खेलती हैं. सेबर इवेंट में तलवारबाज एक-दूसरे के शरीर पर वार करके पॉइंटस कमाते हैं. इसमें कमर से ऊपर, कलाइयों के अलावा कहीं भी तलवार टच कराकर पॉइंट बनाया जा सकता है. 


आठ बार की नेशनल चैंपियन भवानी देवी इस से पहले कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप टीम इवेंटस में एक सिल्वर और एक कांस्य पदक जीत चुकी हैं. जबकि इसी चैंपियनशिप के इंडिविजुअल इवेंट में उनके नाम एक कांस्य पदक है. साल 2010 की एशियन तलवारबाजी चैंपियनशिप में भी उन्होंने कांस्य पदक जीता था. इसके बाद साल 2014 की एशियन चैंपियनशिप में भवानी ने इंडिविजुअल इवेंट का सिल्वर मेडल जीता था. इसके बाद अगले साल एक बार फिर इसी इवेंट में उन्होंने कांस्य पदक भी जीता. भवानी देवी कॉमनवेल्थ तलवारबाजी चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाली भी पहली भारतीय खिलाड़ी हैं.


पहले ही अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में मिला था 'ब्लैक कार्ड'








भवानी देवी की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शुरुआत अच्छी नहीं हुई थी. अपने पहले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में ही उन्हें 'ब्लैक कार्ड' दिया गया था और वो टूर्नामेंट से बाहर हो गई थी. इस टूर्नामेंट में अपने मुक़ाबले के लिए तीन मिनट देरी से पहुंचने के चलते उन्हें ये ब्लैक कार्ड मिला था. 


बता दें कि तलवारबाजी के खेल में ब्लैक कार्ड सबसे बड़ी पेनल्टी होती हैं. यदि किसी खिलाड़ी को ब्लैक कार्ड दिखाया जाता है तो इसका मतलब है कि उसे टूर्नामेंट से बाहर कर दिया गया है. 


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