कोरोना महामारी के चलते टोक्यो ओलंपिक में इस बार खिलाड़ियों को काफी अलग अनुभव से गुजरना पड़ सकता है. भारत की नौकायन (sailing) टीम के सदस्यों को मंगलवार टोक्यो के हनेडा एयरपोर्ट पर ऐसी ही असामान्य परिस्थितियों का सामना करना पड़ा. लंबी आधिकारिक प्रक्रिया, कोविड टेस्ट और तकनीकी जांच के चलते एयरपोर्ट पर छह सदस्यीय भारतीय नौकायन टीम को आठ घंटे से भी ज्यादा का समय बिताना पड़ा. इस बेहद ही थकाऊ प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही टीम अपने होटल के लिए रवाना हो सकी.


भारत की नौकायन टीम ने मंगलवार को गेम्स विलेज में प्रवेश नहीं किया है और टीम यहां से थोड़ी दूर अलग होटल में रह रही है. एक अधिकारी के अनुसार लंबी इमिग्रेशन प्रोसेस और कोविड टेस्ट के चलते भारतीय टीम को एयरपोर्ट पर लंबा इंतजार करना पड़ा. पिछले ओलंपिक खेलों में खिलाड़ियों के लिए एयरपोर्ट पर फास्ट ट्रैक लेन की व्यवस्था रहती थी लेकिन इस साल कोरोना के चलते इनको इंतजाम में शामिल नहीं किया गया है. 


इस वजह से लगा ज्यादा समय 


टोक्यो एयरपोर्ट पर सबसे पहले टीम के सभी फोन की जांच क्वारंटिन अधिकारी ने की. अधिकारी ने बताया, "हेल्थ मॉनिटरिंग और कांटैक्ट ट्रेसिंग की एप्प के लिए ये जांच की गई. साथ ही भारत से डिपार्चर के पहले की कोविड रिपोर्ट की भी जांच की गई." साथ ही अधिकारी ने कहा, "इसके बाद उनका कोविड टेस्ट हुआ, जिसकी रिपोर्ट आने में दो घंटे का समय लगा. हालांकि हमारी टीम के कुछ सदस्यों के पास आधिकारिक प्रमाण पत्र नहीं था इसलिए एयरपोर्ट पर ज्यादा समय लगा. आप आधिकारिक प्रमाण पत्र के बिना एयरपोर्ट से आगे नहीं बढ़ सकते."


नरेंदर बत्रा ने भी भारतीय टीम को असामान्य स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा था 


भारतीय नौकायन टीम ओलंपिक के लिए टोक्यो पहुंचने वाली भारत की पहली टीम है. टीम में चार खिलाड़ी और दो कोच शामिल हैं. हालांकि ओलंपिक में भाग ले रहे अलग अलग देशों की टीम के सभी इंचार्ज (Chef de Missions) और टोक्यो ओलंपिक की आयोजक समिति के बीच पिछले हफ्ते बैठक हुई थी. जिसके बाद भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के अध्यक्ष नरेंदर बत्रा ने ओलंपिक में जा रहे 227 सदस्यीय भारतीय दल को इन असामान्य परिस्थितियों के लिए तैयार रहने की बात कही थी. 


भारतीय टीम को 10 जुलाई को लिखे अपने संदेश में बत्रा ने कहा, "आप सबको मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए, टोक्यो में खेल गांव पहुंचने से पहले आपको एयरपोर्ट पर बेहद थकाऊ और लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है. इस बार के ओलंपिक बेहद ही असामान्य परिस्थितियों में खेले जा रहे हैं और हमें इस समय जापान का साथ देना चाहिए और सभी मुश्किलों से हंसते हुए आगे बढ़ना चाहिए."


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