Paris Olympics 2024: यूक्रेन और रूस के बीच पिछले करीब ढ़ाई साल से युद्ध छिड़ा हुआ है. यह युद्ध अभी तक समाप्त नहीं हुआ है, फिर भी यूक्रेन ने ओलंपिक्स 2024 में 12 मेडल जीतकर दुनिया में एक नया उदाहरण पेश कर दिया है. जब घरों के पास गोलियों और बम धमाकों की आवाज आ रही हो, ऐसे में एथलीटों के लिए अभ्यास करना आसान नहीं होता. फिर भी आखिर यूक्रेन कैसे 12 मेडल जीत लाया, इसकी कहानी अपने आप में प्रेरणादायक है.


प्रैक्टिस नहीं होती आसान


यूक्रेन के जूडो एथलीट बोग्डान लादोव, जो 2022 यूरोपीय चैंपियनशिप्स में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. उन्होंने रूस के साथ चल रहे युद्ध पर बात करते हुए बताया कि ओलंपिक खेलों के लिए अभ्यास करना आसान नहीं था. उन्होंने बताया, "ऐसी परिस्थितियों में अभ्यास करना, मैचों में प्रतिद्वंदियों से भिड़ना आसान नहीं होता. मगर ऐसा हो सकता है कि हमारे देश में चल रहा यह युद्ध मेरी मदद कर रहा है क्योंकि मुझे और अन्य एथलीटों को अपना सबकुछ दांव पर लगाना पड़ता है." दूसरी ओर कुछ एथलीटों का मानना है कि युद्ध के हालातों में भी अपने देशवासियों से मिल रहा सपोर्ट उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है.


दूसरी ओर यूक्रेन ने ग्रीको-रोमन पहलवान परवीज नासिबोव कहते हैं कि ऐसे मंच पर देश का प्रतिनिधित्व करना अपने आप में सम्मान की बात है. मगर जो इस समय उनके देश में चल रहा है, मिसाइलें इधर से उधर उड़ती रहती हैं, ऐसे में उनका ओलंपिक मेडल जीतने का सपना दूसरे स्थान पर आ जाता है. ऐसी परिस्थितियों में उन्हें सबसे पहले अपने परिवार की चिंता सताती है.


यूक्रेन का ओलंपिक में प्रदर्शन


यूक्रेन ने पेरिस ओलंपिक्स में 140 एथलीटों का दल भेजा था, जिन्होंने 22 खेलों में भाग लिया. देश के लिए सबसे ज्यादा मेडल एथलेटिक्स और कुश्ती में आए, यूक्रेन ने इन दोनों खेलों में 3-3 मेडल जीते. इसके अलावा फेंसिंग में 2, वहीं बॉक्सिंग, कैनोइंग, जिम्नास्टिक्स और शूटिंग में एक-एक मेडल आया. यूक्रेन ने कुल 3 गोल्ड, 5 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज मिलाकर 12 मेडल जीते हैं.


भारत के मुकाबले दोगुने मेडल


यूक्रेन ने भारत की तुलना में 6 मेडल अधिक जीते हैं. पेरिस ओलंपिक्स में भारतीय दल में 117 एथलीट शामिल थे, लेकिन खेलों के समापन पर देश की झोली में सिर्फ 6 ही मेडल आ सके. यहां तक कि सिल्वर मेडल भी सिर्फ एक ही आ सका, जो नीरज चोपड़ा ने जेवलिन थ्रो में जीता. दूसरी यूक्रेन ने भारत से दोगुने यानी 12 मेडल जीते हैं.


बजट पर नजर दौड़ाएं तो भारत सरकार ने 2024 में 3,442 करोड़ रुपये का खेल बजट रखा है, लेकिन यूक्रेन हर साल खेलों पर करीब 1,545 करोड़ रुपये खर्च करता है. भारत का खेल बजट यूक्रेन की तुलना में दोगुने से भी अधिक है, तो भला कैसे मेडलों की संख्या दोगुनी हो गई. यह भारत में खेल प्रक्रिया के ढांचे पर ही सीधा सवाल खड़ा करता है.


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