Paris Olympics 2024: ओलंपिक्स की शुरुआत साल 1896 में हुई थी और उस समय केवल 14 देशों ने इन खेलों में भाग लिया था. एक इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि ओलंपिक खेलों की शुरुआत के समय महिलाएं इसमें भाग नहीं लिया करती थीं. यहां हम इसी विषय पर बात करेंगे कि आखिर महिला एथलीटों ने पहली बार ओलंपिक्स में भाग कब लिया था?


दरअसल महिला एथलीट पहली बार 1900 में हुए ओलंपिक्स में भाग लेती दिखाई दीं, जिसकी मेजबानी पेरिस ने की थी. 1900 ओलंपिक्स में कुल 26 देशों के 997 एथलीटों ने भाग लिया, जिनमें 22 महिला एथलीट शामिल रहीं और उन्होंने कुल पांच खेलों में हिस्सा लिया. इन पांच खेलों के नाम टेनिस, सेलिंग, इक्वेस्ट्रियन, क्रोक्वेट और गोल्फ थे.


ओलंपिक्स में सबसे पहला पदक जीतने वाली महिला


ओलंपिक खेलों में सबसे पहला पदक जीतने वाली महिला एथलीट की बात करें तो वो स्विट्जरलैंड की हेलन डी पोर्टालेस रहीं, जिन्होंने सेलिंग की टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था. वहीं ब्रिटेन की शार्लेट कूपर किसी सिंगल्स स्पर्धा में पदक जीतने वाली पहली महिला एथलीट थीं. उन्होंने टेनिस स्पर्धा में गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया था. प्रतिशतता पर नजर डालें तो 1900 पेरिस ओलंपिक्स में भाग लेने वाले एथलीटों में महिलाओं का प्रतिशत महज 2.2 रहा था.


भारत की सबसे पहली ओलंपिक एथलीट


भारत की सबसे पहली महिला ओलंपियन का नाम निलिमा घोष था, जिन्होंने 1935 के ओलंपिक्स में महज 17 साल की उम्र में 100 मीटर स्प्रिंट और 80 मीटर बाधा दौड़ में भाग लिया था. वो पहले ही राउंड में कम्पटीशन से बाहर हो गई थीं. कर्णम मल्लेश्वरी ओलंपिक्स में पदक जीतने वाली पहली महिला एथलीट रहीं, जिन्होंने 2000 सिडनी ओलंपिक खेलों में भारोत्तोलन स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा था. बता दें कि 2016 रियो ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाले एथलीटों में 45 प्रतिशत महिलाएं थीं.


यह भी पढ़ें:


PARIS OLYMPICS 2024: ओलंपिक क्वालीफाई करने के बाद भी टूटा इस एथलीट का सपना! नहीं जा पाएगी पेरिस, जानें कारण