Manu Bhaker Bronze Medal Olympics 2024: मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक्स 2024 में भारत को पहला पदक जिताया है. उन्होंने 12 साल बाद शूटिंग में भारत को ओलंपिक मेडल दिलाया है क्योंकि इससे पहले गगन नारंग और विजय कुमार ने 2012 लंदन ओलंपिक्स में शूटिंग में मेडल जीता था. हरियाणा की इस छोरी ने शूटिंग की दुनिया में एक अलग पहचान बना ली है, लेकिन मनु भाकर को आखिर शूटिंग करने की जैसे सूझी और क्या उन्होंने बचपन में ही निशानेबाजी का सपना देख लिया था? तो आइए जानते हैं कि मनु का बचपन कैसा रहा और कैसे शूटिंग में उनकी एंट्री हुई?


शूटिंग नहीं था पहला प्यार?


दरअसल शूटिंग, मनु भाकर का पहला प्यार नहीं था क्योंकि इससे पहले उन्होंने टेनिस, स्केटिंग और यहां तक कि थांग टा मार्शल आर्ट्स में भी हाथ आजमाया जो भारत के मणिपुर में बहुत मशहूर है. इस मार्शल आर्ट में मनु नेशनल लेवल की एथलीट बनीं, लेकिन 2016 रियो ओलंपिक खेलों ने उनके अंदर शूटिंग को लेकर एक नया जुनून पैदा कर दिया था. 14 साल की उम्र में उनका शूटिंग से लगाव शुरू हुआ और कुछ समय बाद ही उन्होंने अपने पिता को एक पिस्टल खरीदने के लिए मनाया.


16 साल की उम्र में किया ये कारनामा


राष्ट्रीय चैंपियनशिप में हीना सिद्धू के खिलाफ जीत के बाद मनु भाकर ने निशानेबाजी की दुनिया में पहचान बनाई.  इसके बाद वो एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतीं, लेकिन एशियाई खेलों में कोइ पदक नहीं जीत पाई थीं. आखिरकार 2018 यूथ ओलंपिक्स में उन्होंने 10 मीटर एयर  पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण, वहीं मिक्स्ड टीम कम्पटीशन में उन्होंने सिल्वर मेडल आर कब्जा जमाया था. केवल 16 साल की उम्र में मनु भाकर ने ओलंपिक मेडल अपने नाम कर लिया था.


जसपाल राणा की निगरानी में मनु भाकर ने शूटिंग में पहचान बनानी जारी रखी.कड़ी मेहनत के दम पर उन्होंने 2020 टोक्यो ओलंपिक्स में स्थान पक्का किया था, लेकिन पिस्टल में तकनीकी खरावी आने के कारण कोई पदक नहीं जीत सकी थीं. मगर अब मनु भाकर ओलंपिक में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला शूटर बन गई हैं.


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