Vinesh Phogat Appeal: पिछले 2 दिनों से सभी भारतवासी विनेश फोगाट के डिसक्वालीफाई होने की खबर से बहुत दुखी हैं. उन्हें फाइनल मुकाबले से पूर्व 100 ग्राम अधिक वजन पाए जाने के कारण अयोग्य करार दिया गया था. मगर अभी उन बातों को ज्यादा दिन नहीं बीते हैं जब एक अन्य भारतीय पहलवान शिवानी पवार (Shivani Pawar) पेरिस ओलंपिक्स में जाने से वंचित रह गई थी. अगर सब सही होता तो जिस 50 किलोग्राम कैटेगरी में विनेश फोगाट लड़ी हैं, उसमें शिवानी पवार लड़ रही होतीं लेकिन यह उनका दुर्भाग्य ही रहा कि वे गुमनाम रह गईं।
पेरिस क्यों नहीं जा पाईं शिवानी?
दरअसल भारतीय कुश्ती संघ (WFI) ने पेरिस ओलंपिक्स 2024 से कुछ महीने पहले घोषणा की थी कि कुश्ती के ट्रायल नहीं करवाए जाएंगे. इस घोषणा से मध्य प्रदेश की शिवानी पवार समेत भारत के काफी पहलवानों के सपने बिखर कर चकनाचूर हो गए थे. शिवानी अंडर-23 कुश्ती वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतने वाली भारत की पहली रेसलर बनी थीं. उन्होंने 2020 टोक्यो ओलंपिक्स के सिल्वर मेडलिस्ट रवि दहिया और वर्ल्ड नंबर-1 सरिता मोर के साथ मिलकर WFI के ट्रायल ना करवाने के फैसले को चुनौती भी दी थी.
पैसे की रही किल्लत
शिवानी पवार बहुत दिक्कतों से गुजरते हुए इतने बड़े मुकाम पर पहुंची हैं. करियर के शुरुआती दिनों में उनके पास ट्रेनिंग करने के लिए पैसे नहीं हुआ करते थे और रेसलिंग कम्पटीशन में भाग लेकर पैसे कमाया करती थीं. कठिनाइयों के बावजूद वो आगे चलकर परिवार के सपोर्ट से नेशनल चैंपियन बनीं. शिवानी को ओलंपिक क्वोटा मिलने वाली रेसलर को हराने के बाद पूर्ण विश्वास था कि उन्हें पेरिस ओलंपिक्स में भाग लेने का मौका जरूर मिलेगा, लेकिन WFI द्वारा ट्रायल ना करवाए जाने के कारण उनका सपना चकनाचूर हो गया था.
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