इंग्लैंड के पूर्व बाएं हाथ के स्पिनर मोंटी पनेसर ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत सचिन तेंदुलकर को अपने पहले विकेट के रूप में की. पनेसर ने 2006 में भारत और इंग्लैंड के बीच नागपुर टेस्ट के तीसरे दिन तेंदुलकर को एलबीडब्लू आउट किया था, और दो पारियों में 2/73 और 1/58 के आंकड़े हासिल किेए थे.


उन्होंने मोहम्मद कैफ और राहुल द्रविड़ को भी आउट किया, लेकिन तेंदुलकर के रूप में अपना पहला टेस्ट विकेट हासिल करना पनेसर के लिए किसी सपने जैसा था.


पूर्व स्पिनर मोंटी पनेसर ने द स्पेशलिस्ट फील्डर्स पॉडकास्ट पर कहा कि, “मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं दुनिया में टॉप पर हूं. मुझे याद है कि जब अलीम दार ने उन्हें आउट दिया था, तो मुझे विश्वास नहीं हो रहा था. जब आप क्रिकेट खेलते हैं तो आपको पता होता है कि अगर कोई बल्लेबाज विकेट से नीचे आता है तो आप स्वाभाविक रूप से उसे छोटी गेंद करते हैं. . ठीक ऐसा भी मैंने किया और अपील की.


"उनके पैड वास्तव में काफी खुले थे, और मैं स्टंप नहीं देख सकता था. केवल एक चीज जो मैं देख सकता हूं वह थे उनके पैड और मैं सिर्फ अपील करने जा रहा था. मुझे नहीं पता था कि यह दूसरे छोर पर तेंदुलकर हैं. अगर उस समय मुझे पता था कि यह तेंदुलकर है तो शायद मैंने अपील नहीं की होगी.


पनेसर ने आगे कहा कि, जब अंपायर ने आउट दिया तो मैं खुशी के मारे पागल हो गया. मैं अलग तरह से जश्न मनाने लगा. तेंदुलकर का अंदाज मुझे बेहद पसंद आया. इसके बाद मैंने सोचा था कि मैं गेंद पर उनके ऑटोग्राफ लूंगा.


मैच के बाद, फिजियो ने कहा, 'सचिन को गेंद पर हस्ताक्षर करने में खुशी है.' मैंने सोचा यह आदमी एक अद्भुत इंसान है. 'यह वास्तव में दयालु था क्योंकि वहां बहुत सारे खिलाड़ी थे जिन्हें ये नहीं पता था कि ये वास्तव में एक व्यक्ति के लिए पल कितना आनंददायक होता है. लेकिन उन्होंने कहा, 'हां, मैं तुम्हारे लिए गेंद पर हस्ताक्षर करूंगा'. हस्ताक्षर करने के बाद, उन्होंने कहा, 'ऐसा सिर्फ एक बार होता है, ये बार बार नहीं होगा.''