नई दिल्ली: आज से दो सौ साल पहले के गुलाम हिन्दुस्तान की तस्वीरें हमारी आंखों के सामने है. देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था और हर तरफ गोरों का दमन जारी था. लेकिन उसी दौरान गुलाम हिन्दुस्तान में कुछ ऐसा हुआ, जिसमें आज के भारत ने पूरी दुनिया में अपना डंका बजाया. आपके जेहन में कई जबाव होंगे लेकिन हम जिस की बात कर रहे हैं वह कोई आंदोलन या किसी नेता की कहानी नहीं है, बल्कि यह एक खेल है जिसे हम बैंडमिंटन के नाम से जानते हैं.
भारत में बैडमिंटन की शुरुआत 200 साल पहले सन् 1800 में हुई थी और उस समय देश गुलाम था. क्रिकेट की तरह इस खेल की शुरुआत भी अंग्रेजों ने ही की. अपने शुरुआती दिनों में बैडमिंटन को एक एक्सरसाइज की तरह ही लिया गया. लोगों का मानना था कि बैडमिंटन खेलने से शरीर स्वस्थ रहता है. लेकिन तस्वीरें बदलने में देर नहीं लगी और यह खेल धीरे-धीरे सीमाओं को तोड़ता चला गया.
भारत में बैडमिंटन खेल का इतिहास सुखद रहा है. मशहूर फिल्म अभिनेत्री दिपीका पादुकोण के पिता प्रकाश पादुकोण और सैयद मोदी ने 1980 में भारत के लिए पदक जीते और लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा. इस कारवां को आगे बढ़ाते हुए साल 2001 में पुल्लेला गोपीचंद ने ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप में फतह हासिल कर भारत का नाम पूरी दुनिया के सामने ला दिया और देश में भी लोग इस खेल की तरफ आकर्षित हुए.
मौजूदा दौर में बैडमिंटन खेल को हरेक मुल्क में स्वीकार किया गया है और यह कहने में कोई दो राय नहीं है कि क्रिकेट के बाद भारत में सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला खेल बैडमिंटन ही है. ओलंपिक में शानदार खेल और जिंदादिली के लिए मशहूर हुईं पीवी सिंधु और देश में बैडमिंटन सनसनी के नाम से लोगों की जुबान पर छाने वाली सायना नेहवाल जैसी खिलाड़ियों ने तो इस खेल को हर गांव हर शहर तक पहुंचा दिया है.
किदांबी श्रीकांत, परुपुल्ली कश्यप, ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा जैसे कई खिलाड़ी इस खेल को नया आयाम देने में लगे हुए हैं और बेहतर को और बेहतर बना रहे हैं.
इस खेल की संभावनाएं धीरे-धीरे भारत में बढ़ती चली जा रही हैं और इसी जोश-व-जुनून को पूरी दुनिया में खुद को साबित करने की चाहत को द प्रीमियर बैंटमिंटन लीग एक मंच दे रहा है. यह मंच उनके लिए है जो अपने जौहर से पूरी दुनिया को हिला देने का माद्दा रखते हैं.
आपको बता दें कि प्रीमियर बैडमिंटन लीग टूर्नामेंट में भाग लेने वाले प्रतिभागीयों को जहां एक तरफ अपना कमाल दिखाने और खुद को साबित करने का मौका मिलेगा, वहीं दूसरी तरफ लोग इस खेल से और ज्यादा जुड़ेगे और बैंडमिंटन कोर्ट में होने वाले एक्शन का लुफ्त भी उठा पाएंगे.