पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 2020 संस्करण में खुद को साबित करने के लिए तैयार थे. एमएस धोनी ने मार्च की शुरुआत में चेन्नई के चिदंबरम स्टेडियम में टूर्नामेंट के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी थी. उनकी टीम के साथी पीयूष चावला ने दावा किया है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लंबे समय तक अनुपस्थिति के बाद भी उनपर कोई फर्क नहीं पड़ा क्योंकि 38 वर्षीय नेट्स में आत्मविश्वास से लबरेज दिखे. चावला ने कहा कि धोनी जब कैम्प में आए थे तब वह लय से बाहर नहीं लग रहे थे.
चेन्नई ने लीग की शुरुआत से पहले ही चेपॉक में आपना कैम्प लगाया था जिसमें धोनी ने हिस्सा लिया था लेकिन कोरोना वायरस के कारण कैम्प को बीच में ही समाप्त कर दिया गया था.
चावला ने आकाश चोपड़ा के यूट्यूब शो पर बात करते हुए कहा, "ईमानदारी से कहूं तो जब क्रिकेटर लंबे ब्रेक के बाद वापसी करता है तो लोगों को लगता है कि वह थोड़ा लय से बाहर होगा, लेकिन मुझे लगता है कि वह रांची में जरूर कुछ न कुछ कर रहे थे क्योंकि जब धोनी चेन्नई के कैम्प में आए तो वह लय से बाहर नहीं दिखे. उनका रूटीन था कि वह चार-पांच गेंद खेलेंगे और फिर बड़े शॉट मारते थे."
उन्होंने कहा, "वह देर तक बल्लेबाजी करते थे. सुरेश रैना, अंबाती रायडू, धोनी और मुरली विजय-कैम्प में सीमित खिलाड़ी थे और गेंदबाज ज्यादा थे इसलिए हर कोई दो-ढाई घंटे बल्लेबाजी करता था. हर बल्लेबाज 200-250 गेंदें खेलता था."
धोनी ने विश्व कप-2019 के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ आखिरी बार अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा था. तब से वह आराम के नाम पर टीम से बाहर हैं.