नई दिल्ली: फिक्सिंग में फंसे हुए पाकिस्तान के तेज गेंदबाज मोहम्मद आसिफ ने कहा है कि स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने वाले वो न तो पहले खिलाड़ी हैं, और न ही आखिरी हैं, लिहाजा क्रिकेट बोर्ड को उनके साथ बेहतर बर्ताव करके दूसरों की तरह एक मौका और देना चाहिये था. आसिफ पर पाकिस्तान टीम के 2010 के इंग्लैंड दौरे पर स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों के कारण सात साल का प्रतिबंध लगाया गया था. वह ब्रिटेन में जेल में भी रहे थे .


आसिफ ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो से कहा ,‘‘हर कोई गलती करता है और मैने भी की. मुझसे पहले और बाद में भी लोगों ने फिक्सिंग की लेकिन मुझसे पहले करने वाले पीसीबी के साथ काम कर रहे हैं और मेरे बाद वाले अभी भी खेल रहे हैं.’’उन्होंने कहा ,‘‘ हर किसी को दूसरा मौका दिया गया लेकिन मेरे जैसे कुछ को वो नहीं मिला. पीसीबी ने मुझे बचाने की कभी कोशिश नहीं की जबकि मैं ऐसा गेंदबाज था जिसे दुनिया भर में सम्मान हासिल था .’’


आसिफ ने आगे कहा कि मैंने अपने करियर में जितना भी खेला है उतने में ही दुनिया हिला के रख दी थी. वहीं आज भी दुनिया के टॉप के बल्लेबाज मुझसे खौफ खाते हैं और मेरा नाम याद करते हैं. ऐसे में आप सोच सकते हैं कि मेरी गेंदबाजी का असर बल्लेबाजों पर कितना था.


साल 2006 में 37 साल का ये खिलाड़ी डोप टेस्ट में फंस गया था जिसके बाद आसिफ को एक साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया. आसिफ ने पाकिस्तान के लिए 23 टेस्ट, 38 वनडे और 11 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले थे.