नई दिल्ली:  भारतीय डोमेस्टिक क्रिकेट में वसीम जाफर एक सुनहरे पल की तरह रिटायर हुए जिसे आने वाले कई सालों तक भुलाया नहीं जा सकेगा. जाफर ने इस बात पर ठप्पा लगा दिया कि अगर आपको क्रिकेट से प्यार है और आप तकनीक के मास्टर हैं तो आपकी उम्र यहां क्रिकेट के सामने छोटी पड़ जाती है. आज भी कई युवा क्रिकेटर्स जाफर को अपना आदर्श मानते है. लेकिन अगर भारतीय टीम की बात करें तो जाफर को वो पहचान नहीं मिली.


जाफर ने कहा कि, '' मुझे कई मौके मिले और मैं उनके करीब भी गया. लेकिन कमबैक कभी नहीं हो पाया. ऐसा कई क्रिकेटर्स के साथ होता है. उन्हें लगता है कि उन्हें वहां होना चाहिए लेकिन किसी और के कारण वो इस मौके से चूक जाते हैं. लेकिन मैंने समय लिया और मैं हमेशा अपनी किस्मत पर यकीन करता हूं.''

एक तरफ जहां आईपीएल ने देश को कई युवा खिलाड़ी दिए तो वहीं जाफर को लगता है कि डोमेस्टिक क्रिकेट को आप साइड नहीं कर सकते और यहां के खिलाड़ियों को भी मौका मिलना चाहिए.

उन्होंने आगे कहा कि, '' मुझे लगता है कि समय बदल गया है. मेरे समय में भी राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण को पहचान नहीं मिल पाई. आप जब उन खिलाड़ियों के साथ टेस्ट क्रिकेट खेलते हैं तो तब आपको पता लगता है कि वो खिलाड़ी कितने महत्तवपूर्ण हैं. लेकिन आपको पता होता है कि आपको समय के साथ चलना होता है. आज कल टी20 क्रिकेट ज्यादा जरूरी है. विज्ञापन वाले भी उनको ज्यादा पूछते हैं जो टीवी पर दिखते हैं.''

उन्होंने आगे कहा कि आप यहां टी20 क्रिकेट को भी नहीं नकार सकते क्योंकि ये आज के खेल की डिमांड है. मुझे लगता है कि अगर आज किसी खिलाड़ी को लंबा और बेहतर खेलना है तो उसे तीनों फॉर्मेट में फिट होना पड़ेगा. आप सिर्फ टेस्ट क्रिकेट ही नहीं खेल सकते.