Praveen Kumar Sobti Demise: महाभारत के 'भीम' (Bheem of Mahabharat) के तौर पर पहचाने जाने वाले एथलीट और एक्टर प्रवीण कुमार सोबती (Praveen Kumar Sobti) नहीं रहे. आज (8 फरवरी) सुबह उन्होंने दिल्ली के अशोका विहार स्थिति अपने निवास स्थल पर अंतिम सांसे लीं. देर रात उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया था. 74 वर्षीय प्रवीण लंबे समय से क्रोनिक चेस्ट इंफेक्शन की समस्या से जूझ रहे थे. देर रात जब उनकी तकलीफ बढ़ी तो परिजनों ने फौरन डॉक्टर को घर बुलाया. हालांकि उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं आया और मंगलवार सुबह करीब 10.30 बजे उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया.


साल 1988 में आए 'महाभारत' टीवी शो ने प्रवीण को भीम की छवि प्रदान की थी. आखिरी तक यह छवि उनके साथ रही. बहुत कम ही लोग यह जानते हैं कि भीम की इस छवि के पीछे भी प्रवीण एक बहुत बड़ी शख्सियत थे. वह दो बार के एशियन गेम्स गोल्ड मेडलिस्ट रहे. एशियन गेम्स में उनके नाम सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल भी दर्ज है. वे ओलिंपिक में भी देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. 


6 फुट 6 इंच के लंबे प्रवीण कुमार साबती ने 1966 और 1970 के एशियन गेम्स में गोल्ड जीते थे. दोनों बार डिस्क थ्रो इवेंट में उन्होंने यह पदक जीते. 1966 के ही एशियन गेम्स में उन्होंने हैमर थ्रो इवेंट में भी ब्रॉन्ज जीता था. वहीं 1974 में इस खिलाड़ी ने हैमर थ्रो में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था. 1966 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भी वह हैमर थ्रो में सिल्वर मेडल जीते थे.


ताकत वाले इन एथलिटिक इवेंट में दमदार प्रदर्शन के कारण ही प्रवीण को साल 1988 में आई बीआर चोपड़ा की महाभारत में भीम का किरदार ऑफर हुआ. इस किरदार को उन्होंने बखूबी निभाया. कद, काठी से लंबे चौड़े प्रवीण इस क्लासिक शो में वास्तव में भीम का प्रतिरूप बन गए. 


बॉलीवुड में प्रवीण ने बहुत काम किया. उन्होंने तकरीबन 50 से ज्यादा फिल्मों में एक्टिंग की. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा भी था कि फिल्म इंडस्ट्री ने उन्हें बहुत कुछ दिया लेकिन उनका पहला प्यार स्पोर्ट्स ही रहेगा. उन्होंने कहा था, 'जब आप पोडियम पर खड़े होते हैं और आपके गले में मेडल लटका होता है. यह एक कभी न भूल पाने वाला अनुभव होता है. इसके आगे कुछ नहीं है. यह वह चीज है जो एक खिलाड़ी से कोई नहीं छीन सकता.'


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