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नडाल ने जीता रिकार्ड दसवां फ्रेंच ओपन खिताब
पेरिस: लाल बजरी के बादशाह राफेल नडाल ने रोलां गैरां पर अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए दसवीं बार फ्रेंच ओपन टेनिस टूर्नामेंट का पुरूष एकल खिताब जीत लिया. उन्होंने यहां स्विट्जरलैंड के स्टैन वावरिंका को एकतरफा फाइनल में आसानी से हराकर रिकार्ड जीत दर्ज की.
स्पेनिश खिलाड़ी नडाल ने वावरिंका को 6-2, 6-3, 6-1 से हराया और इस तरह से दुनिया के पहले पुरूष खिलाड़ी बने जिन्होंने एक ही टूर्नामेंट को रिकार्ड दस बार जीता हो. अपना 22वां ग्रैंडस्लैम फाइनल खेल रहे नडाल ने फ्रेंच ओपन में तीसरी बार बिना सेट गंवाये खिताब जीता. उन्होंने केवल 35 गेम गंवाये और इनमें फाइनल के केवल छह गेम शामिल हैं. नडाल का यह 15वां ग्रैंडस्लैम खिताब है और वह अपने कड़े प्रतिद्वंद्वी रोजर फेडरर से अब केवल तीन खिताब पीछे हैं.
यह उनकी 2008 में रोजर फेडरर के खिलाफ खिताब जीत के बाद फाइनल में सबसे अच्छी जीत है. उन्होंने तब वावरिंका के हमवतन स्विस खिलाड़ी फेडरर को केवल चार गेम जीतने दिये थे.
नडाल ने जीत के बाद कहा,‘‘यह वास्तव में अविश्वसनीय है. ला डेसिमा(दस खिताब) हासिल करना बहुत बहुत विशेष है. मैं काफी भावुक हूं. यह कैसा अहसास है इसको बयां करना मुश्किल है. इसकी किसी भी अन्य से तुलना नहीं की जा सकती है.’’
जब नडाल ट्रॉफी लेने के लिए आये तो उनके साथ उनके चाचा टोनी भी थे जो बचपन से उनके कोच रहे.
नडाल ने कहा,‘‘अपने अंकल के बिना मैं दस ट्राफी नहीं जीत पाता.’’
वावरिंका अपना चौथा ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने की कवायद में थे. उन्होंने बाद में नडाल की तारीफ की. इस स्विस खिलाड़ी ने कहा,‘‘राफा मुझे कुछ नहीं कहना है. आपका जवाब नहीं. आप एक सच्चे उदाहरण हो और आपके खिलाफ खेलना सम्मान की बात है.’’
फाइनल में 31 वर्षीय नडाल और 32 वर्षीय वावरिंका आमने सामने थे लेकिन स्पेनिश खिलाड़ी ने शुरू से अपना दबदबा बनाये रखा और आखिर तक उसे बरकरार रखा. यह 1969 के बाद पहला अवसर था जबकि फाइनल में 30 साल से अधिक उम्र के दो खिलाड़ी खेल रहे थे.
वावरिंका को पहले सेट के तीसरे गेम में ब्रेक प्वाइंट का मौका मिला था लेकिन इसके बाद नडाल ने पूरे मैच में उन्हें आगे ऐसा कोई अवसर मुहैया नहीं कराया.
वावरिंका ने शुरू में नडाल को टक्कर देने की कोशिश की. उन्होंने चौथे गेम में चार ब्रेक प्वाइंट बचाये और स्कोर 2-2 से बराबर किया. नडाल ने हालांकि इसके बाद आसानी से अपनी सर्विस पर अंक बनाया और फिर वावरिंका की सर्विस तोड़कर 4-2 से बढ़त हासिल कर ली. वावरिंका ने अपनी सर्विस पर फोरहैंड बाहर मारकर 17वीं बार अपनी गलती से अंक गंवाया.
इससे नडाल ने 44 मिनट में यह सेट अपने नाम किया. नडाल ने दूसरे सेट की शानदार शुरूआत की. उन्होंने अपने करारे फोरहैंड से वावरिंका को चौका दिया और तब उनके पास तीन ब्रेक प्वाइंट थे. वावरिंका ने इसके बाद अपना फोरहैंड नेट पर मार दिया जिससे नडाल ने 2-0 की बढ़त हासिल कर ली. नडाल ने इसके बाद भी अपनी सर्विस में कोई गलती नहीं की और आसानी से दूसरा सेट भी जीता. वावरिंका की खीझ साफ दिख रही थी और उन्होंने इस मैच अपना रैकेट भी नीचे पटका. तीसरे सेट के पहले गेम में नडाल ने फिर से 2015 के चैंपियन वावरिंका की सर्विस तोड़ी.
इसके तुरंत बाद नडाल के पास दो ब्रेक प्वाइंट थे जिससे उन्होंने स्कोर 4-1 कर दिया. इसके बाद उन्होंने अपनी सर्विस बचाये रखी और जब स्विस खिलाड़ी ने अपना बैकहैंड नेट पर मारा तो नडाल ने इतिहास रच दिया. इस बीच महिला युगल के फाइनल में अमेरिका की बेथानी माटेक सैंड्स और चेक गणराज्य की लूसी सैफरोवा की शीर्ष वरीयता प्राप्त जोड़ी ने एशलीग बार्टी और कैसे डेलेक्वा की गैर वरीय आस्ट्रेलियाई जोड़ी को 6-2, 6-1 से हराकर खिताब जीता.
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प्रोफेसर वीरेन्द्र चौहानप्रवक्ता, हरियाणा बीजेपी
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