रणजी ट्रॉफी में सबसे ज़्यादा 637 विकेट. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 750 विकेट. घरेलू क्रिकेट में हर तरह के रिकॉर्ड तोड़ने के बाद भी राजिंदर गोयल को कभी देश के लिए खेलने का मौका नही मिला था. भारतीय क्रिकेट के इस महान गेंदबाज़ का आज 77 साल की उम्र में निधन हो गया. राजिंदर गोयल ने पटियाला , दक्षिण पंजाब , दिल्ली और हरियाणा के लिए घरेलू क्रिकेट में हिस्सा लिया और सुनील गावस्कर ने बाएं हाथ के इस महान गेंदबाज़ का ज़िक्र अपनी किताब आइडलस में भी किया है.
भारतीय क्रिकेट की अनसुनी कहानियों को लेकर 2017 में एबीपी न्यूज़ को दिए गए एक इंटरव्यू में राजिंदर गोयल ने एक बहुत ही अजीबोगरीब घटना का ज़िक्र किया था.
उन्हें कभी भी चयनकर्ताओं ने भारतीय टीम में खेलने का मौका नहीं दिया था लेकिन मध्य प्रदेश के ग्वालियर जेल से भूरा सिंह यादव नाम के एक डाकू ने उनको एक चिट्ठी भेजा था. साल 1984 या 85 की बात होगी. राजिंदर गोयल ने एबीपी न्यूज़ के पत्रकार कुंतल चक्रवर्ती को कहा था , " में घरेलू क्रिकेट में खेलने के लिए दिल्ली गया था और पोस्ट ऑफिस से एक चिट्ठी आया. घरवालें काफी डर गए थे. में मैच के बाद घर वापस आया तो पता चला मध्य प्रदेश की ग्वालियर जेल से कोई डाकू की चिट्ठी आयी है. उन्होंने लिखा था रणजी में 600 से भी ज़्यादा विकेट लेने के लिए आपको बहुत मुबारक़. भगवान से ये दुआ करता हूं कि आगे भी आप ऐसे ही चमकते रहे. वो चिट्ठी आज भी में संभाल कर रखा है. "
आपको बता देते है कि राजिंदर गोयल ने डाकू भूरा सिंह यादव को एक पत्र भेजकर शुक्रिया भी अदा किया था. 2017 में बीसीसीआई की तरफ से उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड भी दिया गया था लेकिन एबीपी न्यूज़ को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि ग्वालियर जेल के उस डाकू की चिट्ठी से ज्यादा खुशी उन्हें कभी नही मिला था.