लुसाने: विश्व एंटी डोपिंए एजेंसी ने डोपिंग के गलत आंकड़े देने के आरोप में रूस में चार साल का प्रतिबंध लगा दिया है जिस पर राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. लुसाने में वाडा की कार्यकारी समिति की बैठक में रूस पर चार साल का प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया. रूस पर इस बैन का असर ये होगा कि यहां की टीम अब 2020 के टोक्यो ओलंपिक और 2022 के बीजिंग ओलंपिक में भाग नहीं ले पाएगी. इस फैसले से पहले वाडा की एक बैठक लुसाने (स्वीटजरलैंड) में हुई. बता दें कि रूस पर यह आरोप लगा था कि उसने एंटी डोपिंग लेबोरेट्री से गलत जानकारी मुहैया कराई थी.


 ब्लादीमिर पुतिन ने इस फैसले को राजनीति से प्रेरित और ओलंपिक चार्टर के खिलाफ बताया. उन्होंने कहा ,‘‘रूसी ओलंपिक समिति की अवहेलना करने का कोई कारण नहीं है. रूस अपने झंडे तले खेलों में भाग लेगा.’’


रूस के प्रधानमंत्री दमित्री मेदवेदेव ने कहा ,‘‘ यह रूस विरोधी उन्माद का सिलसिला है और अब यह नासूर बन चुका है.’’


वाडा के प्रवक्ता जेम्स फिट्जगेराल्ड ने कहा, ‘‘सिफारिशों की पूरी सूची सर्वसम्मति से स्वीकार कर ली गयी है. वाडा कार्यकारी समिति ने सर्वसम्मति से स्वीकार किया कि रूसी डोपिंगरोधी एजेंसी ने चार साल तक नियमों का पालन नहीं किया.’’


वाडा के इस फैसले के बाद रूसी खिलाड़ी तोक्यो ओलंपिक में तटस्थ खिलाड़ी के तौर पर भाग ले सकते हैं लेकिन ऐसा तभी संभव होगा जब वे यह साबित करेंगे कि वे डोपिंग की उस व्यवस्था का हिस्सा नहीं थे जिसे वाडा सरकार प्रायोजित मानता है.


फिट्जगेराल्ड ने कहा, ‘‘उन्हें यह साबित करना होगा कि वे रूसी डोपिंग कार्यक्रम का हिस्सा नहीं थे जैसा कि मैकलारेन रिपोर्ट में कहा गया है या उनके नमूनों में हेराफेरी नहीं की गयी थी.’’ मैकलारेन रिपोर्ट 2016 में जारी की गयी थी जिसमें रूस में विशेषकर 2011 से 2015 तक सरकार प्रायोजित डोपिंग का खुलासा किया गया था.


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