सचिन तेंदुलकर ने ‘अंपायर्स कॉल' के रूल पर जताई नाखुशी, बोले- ICC डीआरएस सिस्टम पर करे गौर
सचिन तेंदुलकर का कहना है कि आईसीसी ऑन डिफेंस रिव्यू सिस्टम के प्रोटोकॉल पर गौर करना चाहिए. तेंदुलकर के अनुसार, खिलाड़ी डीआरएस का विकल्प इसलिए चुनते हैं क्योंकि वे ऑन-फील्ड अंपायर के फैसले से पहले से ही खुश नहीं होते हैं
नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सचिन तेंदुलकर का कहना है कि आईसीसी ऑन डिफेंस रिव्यू सिस्टम (डीआरएस) के प्रोटोकॉल पर गौर करना चाहिए. सचिन का यह बयान मेलबर्न में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रह टेस्ट मैच के तीसरे दिन आया है.
तेंदुलकर अपने ट्वीट में लिखा " खिलाड़ी डीआरएस का विकल्प इसलिए चुनते हैं क्योंकि वे ऑन-फील्ड अंपायर के फैसले से पहले से ही खुश नहीं होते हैं. इसलिए डीआरएस सिस्टम को आईसीसी की तरफ से देखा जाना चाहिए. स्पेशली ‘अंपायर्स कॉल' के लिए."
The reason players opt for a review is because they’re unhappy with the decision taken by the on-field umpire. The DRS system needs to be thoroughly looked into by the @ICC, especially for the ‘Umpires Call’.#AUSvIND
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) December 28, 2020
सचिन का यह स्टेटमेंट भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रहे टेस्ट मैच के दौरान आया है. दरअसल भारत के दो रिव्यू लेने पर कोई विकेट नहीं मिल पाया.जबकि अंपायर्स कॉल रूल के हिसाब से गेंद स्टंप्स से टकरा रही थीं.
बुमराह गेंद पर लिया था रिव्यू बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज जो बर्न्स को एक यॉर्कर फेंकी जो उन्हें सामने से पैर पर लगी. ऑन-फील्ड अंपायर ने इसे आउट नहीं दिया लेकिन भारत तुरंत रिव्यू लिया. गेंद लाइन में पिच कर रही थी और इपैंक्ट भी अच्छा था लेकिन विकेटों की क्लिंपिंग हो रही थी, इसलिए रिजल्ट नॉट आउट आया.
इसके कुछ ओवरों के बाद टेस्ट डेब्यू करने वाले मोहम्मद सिराज की गेंद खेल रहे मार्नस के मामले में भी ऐसा ही निर्णय आया. अंपायर के बल्लेबाज के पक्ष में फैसला सुनाने के बाद भारत डीआरएस लिया. लेकिन इस बार भी बल्लेबाज का आउट नहीं दिया गया. ऐसे में भारत को दोनों अवसरों पर ही विकेट नहीं मिले.
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