नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सचिन तेंदुलकर का कहना है कि आईसीसी ऑन डिफेंस रिव्यू सिस्टम (डीआरएस) के प्रोटोकॉल पर गौर करना चाहिए. सचिन का यह बयान मेलबर्न में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रह टेस्ट मैच के तीसरे दिन आया है.


तेंदुलकर अपने ट्वीट में लिखा " खिलाड़ी डीआरएस का विकल्प इसलिए चुनते हैं क्योंकि वे ऑन-फील्ड अंपायर के फैसले से पहले से ही खुश नहीं होते हैं. इसलिए
डीआरएस सिस्टम को आईसीसी की तरफ से देखा जाना चाहिए. स्पेशली ‘अंपायर्स कॉल' के लिए."


 





सचिन का यह स्टेटमेंट भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रहे टेस्ट मैच के दौरान आया है. दरअसल भारत के दो रिव्यू लेने पर कोई विकेट नहीं मिल पाया.जबकि अंपायर्स कॉल रूल के हिसाब से गेंद स्टंप्स से टकरा रही थीं.


बुमराह गेंद पर लिया था रिव्यू
बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज जो बर्न्स को एक यॉर्कर फेंकी जो उन्हें सामने से पैर पर लगी. ऑन-फील्ड अंपायर ने इसे आउट नहीं दिया लेकिन भारत तुरंत रिव्यू लिया. गेंद लाइन में पिच कर रही थी और इपैंक्ट भी अच्छा था लेकिन विकेटों की क्लिंपिंग हो रही थी, इसलिए रिजल्ट नॉट आउट आया.


इसके कुछ ओवरों के बाद टेस्ट डेब्यू करने वाले मोहम्मद सिराज की गेंद खेल रहे मार्नस के मामले में भी ऐसा ही निर्णय आया. अंपायर के बल्लेबाज के पक्ष में फैसला सुनाने के बाद भारत डीआरएस लिया. लेकिन इस बार भी बल्लेबाज का आउट नहीं दिया गया. ऐसे में भारत को दोनों अवसरों पर ही विकेट नहीं मिले.


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