Sania Mirza: भारत के लिए सालों तक टेनिस खेलने वाली सुपरस्टार सानिया मिर्ज़ा ने फिलिस्तीन और गाजा में पीड़ित लोगों के लिए आवाज उठाई है. उन्होंने उनके लिए अपने इंस्टाग्राम के जरिए कुछ स्टोरी शेयर की हैं. सानिया ने अपनी स्टोरी के जरिए गाजा में घायल और पीड़ित लोगों के खाने-पीने और बिजली की व्यवस्था पर रोक लगाने पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किसके पक्ष में हैं, लेकिन कम से कम मानवता तो होनी चाहिए. आइए हम आपको बताते हैं कि सानिया मिर्ज़ा ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी के जरिए क्या संदेश दिया है.
सानिया ने अपनी स्टोरी में क्या कहा?
उन्होंने कहा, "यह अजीब बात है कि बमबारी हो रही है, और उनका विश्वास पहाड़ों जैसा अटल है. हम अपने घरों में सोते हैं तो हमारा विश्वास डगमगा जाता है." इसके अलावा सानिया ने अपनी अगली स्टोरी में लिखा, इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि आप किस साइड में हैं, आपके राजनैतिक विचार क्या हैं. आप न्यूज़ में क्या सुन रहे हैं, लेकिन क्या हम कम से कम 20 लाख से ज्यादा की निर्दोष आबादी वाले शहर के लिए बंद किए गए खाने, पानी और बिजली की बात पर सहमत हो सकते हैं या नहीं. वो ऐसे लोग हैं, जिनके पास जाने के लिए कोई जगह नहीं है, बमबारी के दौरान छुपने का कोई ठिकाना नहीं है, और उनकी आधी आबादी में बच्चे हैं, क्या यह मानवीय संकट कुछ बोलने लायक नहीं है?"
आपको बता दें कि पिछले करीब एक महीने से फिलिस्तीन और इज़राइल के बीच जंग चल रही है, जिसका सबसे ज्यादा नुकसान गाज़ा पट्टी में रहने वाले मासूम लोगों को उठाना पड़ रहा है. इस जंग की शुरुआत फिलिस्तीन में मौजूद एक आतंकी संगठन हमास ने इज़राइल पर 5000 से ज्यादा रॉकेट छोड़कर किया था, जिसके बाद इज़राइल ने भी बदला लेना शुरू किया और एक के बाद एक लगातार सैकड़ों-लाखों बम एयर स्ट्राइक के जरिए फिलिस्तीन में गिराए. इस भयंकर बमबारी में हमास के साथ-साथ गाज़ा में रहने वाले हजारों लोग भी प्रभावित हुए. अभी तक मिल रहे आंकड़ों के अनुसार इस युद्ध में फिलिस्तीन के 8000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, जिसमें 3,342 बच्चे शामिल हैं, और 20,000 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं.