शोएब अख्तर का खुलासाः हिंदू होने की वजह से क्रिकेटर दानिश कनेरिया से होता था भेदभाव, खिलाड़ी बात तक नहीं करते थे
शोएब अख्तर ने जो बात कही उसकी बड़ी बात ये है कि हिंदू होने की वजह से दानिश को टीम में लेने का विरोध होता था. दानिश कनेरिया को उनके साथी क्रिकेटर ड्रेसिंग रूम में खाना लेने से रोकते थे.
नई दिल्लीः पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने दावा किया है कि दानिश कनेरिया के साथ भेदभाव होता था क्योंकि वो हिंदू थे. बाकी क्रिकेटर दानिश के साथ खाना नहीं खाते थे. उनसे बात नहीं करते थे. ये सबकुछ पाकिस्तान के ड्रेसिंग रूम में होता था. शोएब का तो ये भी दावा है कि दानिश कनेरिया को हिंदू होने की वजह से टीम में लेने का भी विरोध होता था. कुल मिलाकर दानिश कनेरिया पाकिस्तान की क्रिकेट टीम में एक सेकेंड क्लास सिटीजन थे.
जिस क्रिकेटर ने पाकिस्तान को मैच जिताए, उसके साथ हिंदू होने की वजह से भेदभाव हुआ. जिस दानिश कनेरिया ने पाकिस्तान को जी जान से प्यार किया उन्हें हिंदू होने की सजा दी जाती थी. जो दानिश कनेरिया कभी पाकिस्तानी बॉलिंग अटैक की जान थे, उन्हें ड्रेसिंग रूम में खाना लेने से रोका जाता था.
पाकिस्तान में हिंदुओं से अत्याचार होता है. ये बात सबको पता है. लेकिन धर्म के आधार पर ये भेदभाव कितना गहरा है. इस बात का खुलासा पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने किया है. शोएब ने ये खुलासा पाकिस्तान के हिंदू क्रिकेटर दानिश कनेरिया पर किया है. शोएब अख्तर ने बताया कि हिंदू होने की वजह से कनेरिया के साथ कई खिलाड़ी खाना नहीं खाते थे. कनेरिया ने भी इस बात को कबूला है.
शोएब अख्तर ने जो बात कही उसकी बड़ी बात ये है कि हिंदू होने की वजह से दानिश को टीम में लेने का विरोध होता था. दानिश कनेरिया को उनके साथी क्रिकेटर ड्रेसिंग रूम में खाना लेने से रोकते थे, उनके साथ छुआछूत होती थी. दानिश कनेरिया को अच्छे प्रदर्शन का श्रेय नहीं मिलता था. उनके प्रदर्शन को नजरअंदाज किया जाता था.
दानिश कनेरिया ने भी शोएब अख्तर के इस दावे की पुष्टि की है. दानिश कनेरिया ने कहा है कि हिंदू होने की वजह से बाकी क्रिकेटरों को उनके साथ खाना खाने में दिक्कत होती थी. मैं ऐसे क्रिकेटरों के नाम का खुलासा करूंगा जो हिंदू होने की वजह से मुझसे बात नहीं करते थे. अभी तक मुझमें ये बात कहने की हिम्मत नहीं थी. लेकिन अब मैं इस पर खुलकर बोलूंगा.
साफ है कि पाकिस्तान में ऐसे ही अत्याचार की वजह से ही हिंदुओं की आबादी 23 फीसदी से महज एक फीसदी रह गई है. ऐसे ही सताए हिंदुओं को भारत सरकार ने नागरिकता कानून के जरिए शरण देने की पहल की है. शोएब अख्तर के खुलासे ने इस कानून पर उठ रहे सवालों को बड़ा जवाब दिया है.