हार्दिक पांड्या की गेंदबाजी और भारत की बांग्लादेश के खिलाफ नाटकीय जीत टी20 विश्व कप 2016 के सबसे चर्चित क्षणों में से एक है. पंड्या ने अंतिम 3 गेंदों पर 2 रनों का बचाव करने के चार साल बाद अब जाकर खुलासा किया है कि कैसे उन्होंने अपनी गेंदबाजी के दम पर भारत को 1 रन की जीत के साथ टी 20 विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंचाया था. ऑलराउंडर पंड्या ने अपनी बातचीत में खुलासा किया कि कैसे धोनी ने उन्हें अंतिम गेंद पर क्या कहा था और कौन सी गेंद डालने के लिए कही थी.


भारत को सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए बांग्लादेश के खिलाफ 146 रनों का बचाव करना था. 39 ओवर की लड़ाई के बाद सबकुछ अंतिम ओवर में 11 रन पर आ गया. धोनी ने टी20 विश्व कप 2007 के फाइनल वाले अपने कदम को दोबारा दोहराया और अंतिम ओवर में अपना पहला टूर्नामेंट खेल रहे हार्दिक पंड्या को गेंद थमा दी.


पहली गेंद पर महमूदुल्लाह ने सिंगल लिया. इसके बाद मुश्फिकुर ने पांड्या को बैक-टू-बैक चौका मारा. बांग्लादेश की ओर से जीत की खुशी में जमकर जश्न मनाना शुरू हो चुका था. आखिरकार, उन्होंने तीन गेंदों पर दो रन के समीकरण को नीचे ला दिया, जो किसी भी अंतर्राष्ट्रीय पक्ष के लिए एक बेहद आसान टारगेट होना चाहिए. लेकिन असली खेल की तो अभी शुरूआत हुई थी.


जब पांड्या वापस अपने निशान पर जा रहे थे तो धोनी ने उन्हें बुलाया और एक शब्द कहा. सीनियर गेंदबाज आशीष नेहरा भी इसमें शामिल हुए थे. पांड्या ने कहा, योजना मुशफिकुर को बैक लेंथ गेंदबाजी करने की थी. और इसने काम किया, जैसा कि दाएं हाथ के बल्लेबाज ने सीधे डीप स्क्वॉयर लेग फील्डर के हाथों में कैच थमा दिया.


पंड्या ने एक क्रिकबज वीडियो में इस क्षण को याद करते हुए कहा, "उस समय भी अगर मैं वहां (मुशफिकुर के स्थान पर) होता तो मैं जीत हासिल करने के लिए एक सिंगल लेता और फिर अपना हाइलाइट शॉट खेलता. इसलिए मैंने सोचा था कि अगर किसी को सिंगल लेना हो तो सबसे मुश्किल गेंद कौन सी हो सकती है. इसलिए मैंने बेक ऑफ दी लेंथ रखा और वो आउट हो गए.


मुश्फिकुर के वापस चलने के बाद धोनी, पांड्या, नेहरा के बीच एक और बातचीत हुई जहां अभी भी अंतिम दो गेंदों पर बांग्लादेश को दो रनों की जरूरत थी. महमूदुल्लाह ने शॉट खेला और जडेजा ने डीप स्क्वेयर लेग पर शानदार कैच लपककर भारत को प्रतियोगिता में वापस लाने का काम किया.


ऑलराउंडर ने खुलासा किया कि जब वो अंतिम गेंद पर आए तो उन्हें बाउंसर गेंदबाजी करने की सलाह दी गई थी, लेकिन यह धोनी और नेहरा थे जिन्होंने उन्हें बाउंसर डालने से मना किया था क्योंकि गेंद सीधे बल्ले पर लगकर कीपर के सिर के ऊपर से जा सकती थी.


इसके बाद मुझे दोनों ने कहा कि तुम वाइड ऑउटसाइड ऑफ स्टम्प पर गेंद रखना. पंड्या ने ठीक वही गेंद डाली और बल्लेबाज से गेंद मिस कर सीधे धोनी के पास गई. अब दोनों बल्लेबाजों ने बाइ लेने की सोची लेकिन तभी धोनी ने तेजी से दौड़ते हुए रनआउट कर दिया और टीम को यादगार जीत नसीब हो गई.