बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह 9 दिसंबर के बाद भी अपने पदों पर कायम रख सकते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट 9 दिसंबर को केवल उन मामलों की सुनवाई करेगा जिन्हें हाईकोर्ट में हल किया जा सकता है. इससे पहले दावा किया जा रहा था कि 9 दिसंबर को सौरव गांगुली और जय शाह के कार्यकालों पर फैसला हो सकता है.
जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन बनाम जिला क्रिकेट फोरम कुलगाम, जम्मू और कश्मीर की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने मंगलवार को इस मामले को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया.
इस केस में एमिकस क्यूरी और वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस नरसिम्हा ने संकेत दिया कि फैसला सुनाए जाने से पहले एक से अधिक मामले की सुनवाई होगी. नरसिम्हा ने कहा, "नौ दिसंबर को इसका एक हिस्सा खत्म हो जाएगा और उसके कुछ समय बाद अंतिम सुनवाई होगी."
उन्होंने कहा, "नौ दिसंबर को उच्च न्यायालयों द्वारा हल किए जाने वाले मुद्दों को सुना जाएगा, जो राज्य क्रिकेट संघों के अंतर-राज्य विवाद को लेकर है. यह राज्यों के गठन से ज्यादा नहीं होगा, यह इसके बारे में होगा, कुछ सदस्यों को (संघ में) अनुमति नहीं दी जा रही है, कुछ सदस्यों को (संघों) से बाहर निकाला जा रहा है. यही सब शिकायतें हैं."
इन मामलों में होगी सुनवाई
नरसिम्हा ने साथ ही कहा कि बीसीसीआई सुधारों के मामले में दायर किए गए और जो कि उच्च न्यायालयों द्वारा तय किए जा सकते हैं, उनमें से केवल कुछ ही मामलो की नौ दिसंबर को सुनवाई की जाएगी.
कई राज्य क्रिकेट संघों और व्यक्तियों ने इस मामले में इंटरलोक्यूटरी एप्लिकेशन दायर किए हैं जिन्हें एक साथ सुना जा रहा है. बीसीसीआई कुछ महत्वपूर्ण सुधार चाहती है, जो सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त लोढ़ा समिति द्वारा सुझाए गए हैं और शीर्ष अदालत द्वारा अनुमोदित हैं.
इनमें मुख्य रूप से बीसीसीआई के पदाधिकारियों के लिए तीन साल की अनिवार्य कूलिंग-ऑफ पीरियड्स को हर तीन साल बाद है. बीसीसीआई में पदाधिकारियों के लिए अधिकतम कार्यकाल नौ साल का है, इसके अलावा राज्य संघों में नौ साल का है.
बता दें कि बतौर अध्यक्ष सौरव गांगुली का कार्यकाल जुलाई 2020 में समाप्त हो चुका है. सौरव गांगुली ने हालांकि अपना कार्यकाल बढ़वाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली हुई है. सुप्रीम कोर्ट के फैसला सुनाने तक सौरव गांगुली अध्यक्ष पद पर बने हुए हैं.