केन्या में साल 2000 आईसीसी नॉकआउट, 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक 2-1 टेस्ट सीरीज जीत, 2002 चैंपियंस ट्रॉफी में श्रीलंका के साथ संयुक्त विजेता टैग, 2002 में इंग्लैंड में नेटवेस्ट ट्रॉफी खिताब, दक्षिण अफ्रीका में 2003 विश्व कप अभियान, पाकिस्तान में 2004 में टेस्ट और एकदिवसीय श्रृंखला में जीत. पूर्व भारतीय कप्तान और वर्तमान बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने एक कप्तान के रूप में अपने करियर में कई ऊंचे मुकाम हासिल किए हैं. अक्सर भारतीय क्रिकेट को बदल देने वाले के रूप में गांगुली को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने टीम इंडिया को विदेशों में जीतने का विश्वास दिलाया. गांगुली यकीनन सबसे महान भारतीय कप्तानों में से एक हैं.
एक कप्तान के रूप में अपनी उपलब्धियों में सर्वश्रेष्ठ को चुनना आसान काम नहीं था. पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज को इंग्लैंड में नेटवेस्ट की अंतिम जीत और 2003 में भारत के वर्ल्ड कप अभियान में से किसी एक को चुनने के लिए कहा गया जहां उन्होंने एक बेहद दिलचस्प जवाब दिया.
भारत ने 13 जुलाई 2002 को गांगुली की कप्तानी में इंग्लैंड द्वारा रखे गए 326 रनों के लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल किया था और जीत दर्ज की थी. इस मैच में मोहम्मद कैफ ने नाबाज 87 और युवराज सिंह ने 69 रनों की पारी खेली थी. दोनों ने अहम समय पर बेहतरीन साझेदारी कर टीम को जीत दिलाई थी.
बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष ने टेस्ट टीम के सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल के साथ बात करते हुए कहा, "वो शानदार पल था. हम आपे से बाहर हो गए थ, लेकिन यही खेल है. जब आप इस तरह के मैच जीतते हो तो आप ज्यादा जश्न मनाते हो. वो महान मैचों में से एक है जिनका मैं हिस्सा रहा."
गांगुली से जब 2003 विश्व कप के फाइनल को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा, "दोनों मैचों की अपनी-अपनी जगह है. विश्व कप फाइनल का भी अलग स्थान है. हमें आस्ट्रेलिया ने बुरी तरह से हरा दिया था. वो इस पीढ़ी की सर्वश्रेष्ठ ठीम थी."
उन्होंने कहा, "नेटवेस्ट का अपना अलग स्थान है. आप इंग्लैंड में शनिवार को लॉर्ड्स में मैच जीतते हो. खचाखच भरे स्टेडियम में जीतना शानदार एहसास था." बीसीसीआई अध्यक्ष ने कहा, "विश्व कप फाइनल-2019 वहां हुआ था और मैं वहां कॉमेंट्री कर रहा था. वो अविश्वस्नीय था."