कोरोना वायरस की वजह से पिछले एक साल में दुनियाभर में खेलों को काफी नुकसान पहुंचा है. करीब एक साल से खेलों का आयोजन नहीं होने की वजह से खेल से जुड़े हुए संघों की हालात काफी खराब हो गई है. भारत के खेल मंत्री किरण रिजिजू हालांकि खेल संघों के मदद के लिए आगे आए हैं. किरण रिजिजू ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान राष्ट्रीय खेल विकास संहिता 2011 में छूट प्रदान की गई ताकि राष्ट्रीय खेल संघों की मदद की जा सके.
मंत्रालय ने सभी एनएसएफ और भारतीय ओलंपिक को भेजे गए पत्र में कहा कि उसने खेल संहिता में छूट क्लॉज का उपयोग किया है, जिसके तहत किसी भी प्रावधान से संबंधित नियमों को हल्का करने की शक्ति होगी. रिजिजू ने कहा, "कोविड-19 महामारी के दौरान हमने महासंघ को छूट दी थी. नवीकरण और चुनाव के लिए आपको शारीरिक गति की आवश्यकता होती है जो संभव नहीं था. खेल संघों की मान्यता के लिए खेल संहिता में दिशानिर्देश हैं."
रिजिजू ने मदद के लिए उठाए कदम
रिजिजू ने खेल संघों को मदद करना बेहद ही जरूरी बताया है. उन्होंने कहा, "लेकिन कोविड जैसी विशेष परिस्थितियों के दौरान, ऐसी मदद प्रदान करना नैतिक कर्तव्य है. हम महामारी के दौरान किसी को दंडित नहीं कर सकते."
बता दें कि महामारी के दौरान किरण रिजिजू लगातार की खिलाड़ियों की मदद करने वाले कदम उठाते रहे हैं. रिजिजू ने लॉकडाउन के दौरान जो खिलाड़ी आर्थिक चुनौती का सामना कर रहे थे उन्हें पांच-पांच लाख रुपये की मदद भी मुहैया करवाई थी.
इंडिया के अधिकतर खिलाड़ियों ने अब अपनी प्रैक्टिस दोबारा से शुरू कर दी है. इस साल टोक्यो ओलंपिक के लिए भारतीय एथलिट जमकर अभ्यास कर रहे हैं.
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