वाशिंगटन: नेपल्स के मेयर ने सान पाओलो फुटबॉल स्टेडियम का नाम डिएगो माराडोना के नाम पर रखने की औपचारिक प्रक्रिया गुरूवार को शुरू कर दी. माराडोना का बुधवार को 60 वर्ष की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था.


नेपल्स के मेयर लुइगी डे मजिस्ट्रिस ने कहा ,‘हमने नेपल्स स्टेडियम का नाम डिएगो माराडोना के नाम पर रखने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसमें ज्यादा समय नहीं लगेगा क्योंकि हमारी इच्छाशक्ति मजबूत है और हमें कोई रोक नहीं सकता’ माराडोना ने नैपोली को 1987 और 1990 में सीरि ए खिताब दिलाये थे. माराडोना जब 1984 में इस क्लब से जुड़े तो उसकी कोई पहचान नहीं थी. इटली में फुटबॉल के केंद्र मिलान और तूरिन हुआ करते थे लेकिन माराडोना ने इस शहर को पहचान दिलाई.


नेपल्स के प्रमुख अखबार ‘इल मटिनो’ ने पहले पन्ने पर शीर्षक दिया ,‘ग्राजी (इतालवी में धन्यवाद) थैंक्यू .’‘द गजेटा डेल्लो स्पोर्ट ’ ने अपने पहले 23 पन्ने माराडोना को समर्पित किए. महान फुटबाल खिलाड़ी डिएगो माराडोना का बुधवार को 60 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. माराडोना की कप्तानी में ही अर्जेटीना ने 1986 में फीफा विश्व कप जीता था. उन्हें दुनिया के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में गिना जाता है.


नेपल्स के फेयरवेल से खुश नहीं थे माराडोना!
नेपल्स के आखिरी दिन माराडोना के लिए अच्छे नहीं बीते थे. लेकिन इस क्लब ने अपने मैदान का नाम माराडोना के नाम कर उन्हें श्रद्धांजलि दी है. फीफा मैग्जीन को दिए इंटरव्यू में माराडोना ने कहा था, ' जिन स्थितियों में मैं नेपल्स से निकला वो मुझे आज भी दर्द देती हैं. मैं इसे कभी नहीं भूल सकता. मैं जब नेपल्स से निकला था तो मेरी टीम के साथी ही मेरे साथ थे और मैंने जो किया उसके लिए उन्होंने मेरा शुक्रिया अदा किया.


क्लब के मैनेजमेंट से मेरी बात नहीं हुई. मैं उस तरह की फेयरवेल का हकदार नहीं था. मैंने वो नेपल्स के लोगों के लिए किया था, उन्हें काफी सारी खुशी दी थी. नापोली को एक प्रतिस्पर्धी टीम बनाने में मदद की थी. लेकिन इसके बाद भी बुरी चीजें हुईं. मेरी नेपल्स और नापोली को लेकर अच्छी यादें हैं. मैं उस शहर के लोगों को नहीं भूलूंगा और उस समर्थन को भी जो उन्होंने मुझे दिया था.'