(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
टेस्ट क्रिकेट पैसे बनाने का खेल नहीं, बल्कि सिर्फ प्रतिद्वंद्विता है: कुमार संगकारा
टी20 क्रिकेट के युग ने युवा खिलाड़ियों के लिए ग्लैमर, पैसा और एक तेज़-तर्रार तरीका लाया है ताकि वे पहचान हासिल कर सकें. इससे खिलाड़ियों के लिए कुछ नुकसान भी हुआ है. जिसकी भरपाई करना बेहद मुश्किल होता है.
पिछले कुछ दशकों में क्रिकेट का विकास हुआ है और इसके पीछे क्रिकेटरों का ही हाथ है. टेस्ट क्रिकेट अभी भी प्रमुख फॉर्मेट बना हुआ है, लेकिन टी20 क्रिकेट की शुरुआत और क्रिकेटरों के विकसित ब्रांड के बाद से यह धीरे-धीरे खो गया है. पेशेवर क्रिकेटरों के लिए यह अभी भी सबसे बड़ा टेस्टिंग फॉर्मेट है. इन वर्षों में, कुछ बेहतरीन क्रिकेटरों ने इस फॉर्मेट को हासिल किया है, और इतिहास में अपना नाम बनाया है.
टी20 क्रिकेट के युग ने युवा खिलाड़ियों के लिए ग्लैमर, पैसा और एक तेज़-तर्रार तरीका लाया है ताकि वे पहचान हासिल कर सकें. इससे खिलाड़ियों के लिए कुछ नुकसान भी हुआ है. इन दिनों युवा क्रिकेटर्स टेस्ट में कॉल अप की बजाय टी20 क्रिकेट में ज्यादा खेलना पसंद करते हैं. जब टेस्ट क्रिकेट को सबसे क्लास क्रिकेट का दर्जा हासिल है.
विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप को टी20 युग में खेल के सबसे लंबे फॉर्मेट की महिमा के लिए पेश किया गया था. मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) के अध्यक्ष कुमार संगकारा का मानना है कि अगर प्रारूप को नकदी बनाने की घटना के रूप में देखा जाए तो यह कभी भी काम नहीं करेगा. उन्होंने कहा, हर प्रारूप में एशेज जैसी श्रृंखला नहीं हो सकती है, जिससे यह संकेत मिलता है कि टेस्ट पैसे बनाने की तुलना में प्रतिद्वंद्वियों के बारे में अधिक है.
संगकारा ने आगे कहा कि, अगर आप टेस्ट क्रिकेट को अमेरिका या कहीं और बेचने जाएंगे जहां खेल का उतना महत्तव नहीं है तो इस गेम के लिए कोई स्पोर्टिंग सेंस नहीं बनेगा. इसलिए हम खेल के सबसे लंबे फॉर्मेट को किस तरह से देखते हैं इसे हमें बदलना होगा. हर किसी के लिए टेस्ट क्रिकेट एशेज सीरीज की तरह पूरे क्राउड के साथ नहीं होगा.