1983 का साल भारतीय क्रिकेट टीम और कपिलदेव के लिए ऐतिहासिक रहा है. इस साल टीम इंडिया ने कपिलदेव की कप्तानी में पहली बार वर्ल्ड कप का खिताब जीता है. दूसरी ओर इस साल कपिलदेव ने वर्ल्ड कप में 175 रनों की पारी खेलने के अलावा गेंदबाजी में भी अपने जलवे दिखाए. 1983 में तत्कालीन भारतीय कप्तान ने 18 टेस्ट मैचों में 72 विकेट लिए थे. अहमदाबाद टेस्ट में वह वेस्टइंडीज के खिलाफ दस विकेट लेने से सिर्फ एक कदम दूर रह गए.


एक पारी में नौ विकेट लेने वाला एकलौता कप्तान


कपिल देव ने एक पारी में नौ विकेट लेने का कमाल उस समय की सबसे खतरनाक टीम वेस्टइंडीज के खिलाफ अहमदाबाद के मैदान पर किया था. 16 नवंबर 1983 को कपिलदेव ने अहमदाबाद टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज की दूसरी पारी में 30.3 ओवर में सिर्फ 83 रन देकर नौ बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई. इस पारी में वह सिर्फ कैरेबियाई सलामी बल्लेबाज डेसमंड हेंस का विकेट नहीं ले पाए, उनको भारत के दूसरे तेज गेंदबाज बलविंदर सिंह सिंधू ने आउट किया.


हालांकि इसके बावजूद कपिलदेव का एक रिकार्ड पिछले 37 साल से कायम हैं. वह एकमात्र गेंदबाज हैं जिन्होंने बतौर कप्तान टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में नौ विकेट झटके हैं. कपिल देव ने टेस्ट करियर में 134 टेस्ट मैचों में 434 विकेट लिए हैं. वह एक मात्र खिलाड़ी है जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 5000 से ज्यादा रन बनाए और 400 से ज्यादा विकेट लिए हैं.


कपिल के शानदार प्रदर्शन के बावजूद हारा भारत


कपिल देव के इस ऐतिहासिक प्रदर्शन के बावजूद भारतीय टीम को इस मैच में 138 रनों से हार मिली. अहमदबाद के मोटेरा स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले में कप्तान कपिल देव ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग का फैसला किया. वेस्टइंडीज की टीम पहली पारी में 281 रन पर सिमट गई. जवाब में भारतीय टीम पहली पारी में सिर्फ 241 रन बना पाई. दूसरी पारी में कपिल ने कहर बरपाया और कैरेबियन टीम सिर्फ 201 रन पर ऑलआउट हो गई. जीत के लिए टीम इंडिया को 242 रनों का लक्ष्य मिला. हालांकि भारत की पूरी पारी सिर्फ 103 रनों पर ढेर हो गई.


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