Chess: प्रागनानंदा और वैशाली की जोड़ी ने रचा इतिहास, शतरंज के इतिहास में ऐसा करने वाली भाई-बहन की पहली जोड़ी
Vaishali and Praggnanandhaa: चेस स्टार वैशाली ने आईवी एल लोब्रेगेट ओपन में तुर्की के एफएम तामेर तारिक सेलबेस को हराकर ग्रैंडमास्टर का खिताब अपने नाम किया.
Vaishali and Praggnanandhaa Pair: महिला भारतीय चेस स्टार वैशाली रमेशबाबू तीसरी ग्रैंडमास्टर बनीं. वैशाली ने शुक्रवार को स्पेन में आईवी एल लोब्रेगेट ओपन में 2500 FIDE (International Chess Federation or World Chess Federation) रेटिंग हासिल करते हुए ग्रैंडमास्टर का खिताब अपने नाम किया. इस खिताब के साथ वैशाली भारतीय चेस स्टार अपने भाई रमेशबाबू प्रागनानंदा के साथ मिलकर गैंडमास्टर का खिताब जीतने वाली दुनिया में भाई-बहन की पहली जोड़ी बन गईं.
वैशाली ने दूसरे राउंड में तुर्की के एफएम तामेर तारिक सेलबेस (2238) को हराकर रेटिंग में पीछे छोड़ा. उन्होंने टूर्नामेंट की शुरुआत लागतार दो जीत के साथ की थी. वैशाली से पहले कोनेरू हम्पी और हरिका द्रोणावल्ली ने महिला ग्रैंडमास्टर का खिताब अपने नाम किया था.
वैशाली ने चेस डॉट कॉल से बात करते हुए कहा, “मैं टाइटल पूरा करके खुश हूं. यह सिर्फ दो राउंड थे. मैं टूर्नामेंट पर भी फोक्स कर रहा था. मैं ग्रैंडमास्टर टाटइल के लिए खुश हूं. मैंन आखिरकार वो एक गोल हासिल कर लिया है जो मैंने चेस खेलने की शुरुआत में सोचा था. मैं बहुत करीब थी, इसलिए मैं बहुत उत्साहित थी लेकिन कुछ दवाब भी था. बीच में मेरा खेल अच्छा नहीं था, लेकिन कैसे भी करके मैंने जीत हासिल की.”
शतरंज के खेल में वैशाली का सफर उनके छोटे भाई रमेशबाबू प्रागनानंदा के साथ मिला हुआ है. भाई-बहनों ने लगातार चेस में सफलता हासिल की है. दोनों ने ही कई मेडल्स अपने नाम किए हैं, जिसमें ओलंपिक में डबल्स बॉन्ज और एशियन गेम्स में डबल्स सिल्वर भी शामिल है.
पापा ने की वैशाली की शुरुआत
बता दें कि वैशाली को उनके पिता ने शतरंज के खेल से रूबरू करवाया, जो खुद शानदार चेस प्लेयर थे. पिता ने ही वैशाली को खेल को पहचाना था. पिता ने उन्हें पांच साल की उम्र से ही चेस की कोचिंग दिलवाना शुरू कर दी थी. वैशाली ने स्टेट और नेशनल लेवल के कई टूर्नामेंट्स भी जीते. इस तरह से उन्होंने ग्रैंडमास्टर बनने का लंबा सफर तय किया.
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