Vinesh Phogat: विनेश फोगाट के पोस्ट पर DCP कोर्ट में तलब, कहा- सुरक्षा हटाना महज गलतफहमी
Delhi Police: सोशल मीडिया पर विनेश फोगाट का पोस्ट तेजी से वायरल हुआ. हालांकि, इसके बाद दिल्ली पुलिस का जवाब आया. दिल्ली पुलिस ने अपने जवाब में कहा कि कोई सुरक्षा वापस नहीं ली गई है.
DCP On Vinesh Phogat Post: गुरुवार को रेसलर विनेश फोगाट ने पोस्ट किया. जिसमें उन्होंने लिखा कि भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में गवाही देने वाली महिला पहलवानों की सुरक्षा हटा ली गई है. इस खबर ने अचानक से दिल्ली पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया. सोशल मीडिया पर विनेश फोगाट का पोस्ट तेजी से वायरल हुआ. हालांकि, इसके बाद दिल्ली पुलिस का जवाब आया. दिल्ली पुलिस ने अपने जवाब में कहा कि कोई सुरक्षा वापस नहीं ली गई है.
गुरुवार को पहलवानों के वकील ने राऊज एवेन्यू कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अदालत को बताया कि इस मामले का ट्रायल शुरू होने वाला है और उससे पहले ही जिन तीन महिला पहलवानों को दिल्ली पुलिस की तरफ से सुरक्षा दी गई है वो सुरक्षा हटा ली गई है. इसके बाद अदालत की तरफ से एक अंतरिम आदेश जारी किया गया. इसमें शिकायतकर्ता की सुरक्षा तुरंत बहाल करने का निर्देश दिया गया और कहा गया कि जब तक बयान पूरा नहीं हो जाते और अदालत से आगे के आदेश नहीं आ जाते तब तक सुरक्षा दी जाए. इतना ही नहीं कोर्ट ने नई दिल्ली जिले के डीसीपी को भी एक रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया.
इसके बाद दिल्ली पुलिस ने विनेश के 'X' पोस्ट का जवाब दिया. पुलिस की तरफ से कहा गया कि सुरक्षा वापस लेने का कोई आदेश नही है. अगर सुरक्षाकर्मी पहुंचने में कोई देरी हो रही है तो उसकी जांच की जा रही है. पहलवानों को भी जानकारी दी जा रही है.
आज इस मामले की सुनवाई राऊज एवेन्यू कोर्ट में 12.30 बजे जब शुरू हुई तो नई दिल्ली जिले के डीसीपी अदालत पहुंचे और अदालत को डीसीपी की तरफ से बताया गया कि बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला पहलवानों की सुरक्षा हटाने का मामला महज एक गलतफहमी थी और इसे सुधार लिया गया है.
इसके बाद यौन उत्पीड़न मामले की सुनवाई शुरू हुई. इस मामले में पीड़िता के वकील ने अदालत के सामने एक याचिका लगाई कि वे विटनेस रूम के जरिए बयान दर्ज कराना चाहती है. बृजभूषण के वकील ने पीड़िता के विटनेस रूम में सुनवाई की मांग वाली याचिका का विरोध किया. कोर्ट ने कहा कि ये पीड़ित पर निर्भर करता है. यदि वे विटनेस रूम में गवाही देना चाहती है तो ऐसा कर सकती है. इतना ही नहीं मीडियाकर्मियों को आज की सुनवाई में अनुमति नहीं दी गई.
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