नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने सबसे तेज 25 टेस्ट शतक पूरे करने के मामले में दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को पछाड़ दिया है.कोहली ने पर्थ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी दूसरे टेस्ट मैच में यह उपलब्धि अपने नाम की है.
सचिन ने अपने क्रिकेट करियर में 130 पारियों में 25 टेस्ट शतक पूरे किए थे लेकिन कोहली ने 127 पारियों में यह कारनामा कर उन्हें पछाड़ दिया है. इस लिस्ट में हालांकि, कोहली ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी सर डॉन ब्रेडमैन के रिकॉर्ड को नहीं तोड़ पाए.ब्रेडमैन ने 68 पारियों में 25 टेस्ट शतक पूरे किए थे.
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोहली 21वें क्रिकेट खिलाड़ी हैं, जिन्होंने टेस्ट प्रारूप में 25 या उससे अधिक शतक पूरे किए हैं, वहीं वह ऐसा करने वाले भारत के चौथे बल्लेबाज भी बन गए हैं.
कोहली का ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर यह छठा शतक है और वह तेंदुलकर की बराबरी करने में सफल रहे. भारतीय कप्तान नए पर्थ स्टेडियम में शतक जड़ने वाले पहले बल्लेबाज हैं. कोहली एक कैलेंडर वर्ष में विदेशी सरजमीं पर 1000 रन पूरने वाले दुनिया के 11वें और भारत के तीसरे बल्लेबाज हैं.
भारतीय बल्लेबाजों में उनसे पहले राहुल द्रविड़ (2002 में 18 पारियों में 1137 रन) और मोहिंदर अमरनाथ (1983 में 16 पारियों में 1065 रन) यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं. वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय और कुल तीसरे कप्तान हैं. उनसे पहले ऑस्ट्रेलिया के बाब सिम्पसन और दक्षिण अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ ऐसा कर चुके हैं. तीस वर्षीय कोहली हालांकि लंच से पहले विवादास्पद कैच का शिकार बने लेकिन वह भारत को काफी हद तक वापसी दिलाने में सफल रहे.
माइकल वॉन ने की तारीफ
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन का मानना है कि भारतीय कप्तान विराट कोहली तीनों प्रारूपों में सचिन तेंदुलकर, ब्रायन लारा और रिकी पोंटिंग जैसे महान खिलाड़ियों से बेहतर बल्लेबाज हैं. वॉन ने फॉक्स स्पोर्ट्स में अपने कॉलम में लिखा, "मैंने इतना बेहतर खिलाड़ी नहीं देखा. मैं सचिन तेंदुलकर, ब्रायन लारा या रिकी पोंटिंग का निरादर नहीं कर रहा हूं. लेकिन खेल के सभी तीनों प्रारूपों में मैंने इतना बेहतर खिलाड़ी नहीं देखा है."
क्रिकेटर ने कहा, "उसके पास इतनी काबिलियत है और जब लक्ष्य पीछा करने का दबाव झेलने की बात आती है तो वह मानसिक रूप से वह काफी दृढ़ है. वह यह सब उम्मीदों और प्रशंसा के भार से निपटते हुए करता है जिसक अनुभव केवल सचिन ने ही किया होगा."
वॉन ने भारत के चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने की भी प्रशंसा की. उन्होंने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया के लिये इस टेस्ट मैच में अब तक चिंता की बात यही है कि भारतीयों ने घरेलू गेंदबाजों से ज्यादा पिच से असमान उछाल हासिल करने में सफलता हासिल की है.