नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार यानी कि राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए कुछ खिलाड़ियों को नामित किया गया है. इसमें भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली को जहां शून्य (0) प्वाइंट मिले हैं तो वहीं वर्ल्ड चैंपियन वेटलिफ्टर मीराबई चानू को 44 प्वाइंट्स. इन प्वाइंट्स की बदौलत 11 सदस्यी सेलेक्शन पैनल ने इन दोनों खिलाड़ियों के नाम पर मुहर लगा दी है जहां दोनों को इस साल खेल रत्न पुरस्कार ने नवाजा जाएगा.


विराट कोहली की परफॉर्मेंस शीट पर कोई भी प्वाइंट नहीं था ऐसा इसलिए क्योंकि क्रिकेट के मानदंड के अनुसार ये चीजें लागू नहीं होती है. टाइम्स ऑफ इंडिया के रिपोर्ट के अनुसार चानू के आगे छह खिलाड़ी ऐसे थे जिनके प्वाइंट्स उनसे ज्यादा थे. पहलवान बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट को 80 प्वाइंट्स मिले थे जो किसी खिलाड़ी को मिले सबसे ज्यादा प्वाइंट थे. हालांकि इसका चयन लोगों के जरिए हाथ उठाकर किया गया का था जिसमें ये तय किया गया कि इस साल किस खिलाड़ी को भारत रत्न खेल पुरस्कार मिलना चाहिए.


गुरूवार को खेल मंत्री से मुलाकात के बाद पुनिया ने कहा कि वो अब कोर्ट जाएंगे और देखेंगे की कैसे सबसे ज्यादा प्वाइंट पाने वाले खिलाड़ी को खेल रत्न अवार्ड नहीं दिया जाता है तो वहीं उन खिलाड़ियों को इस पुरस्कार से नवाजा जाता है जिनके काफी कम प्वाइंट्स हैं. बता दें कि इस अवार्ड के लिए कुल 17 खिलाड़ियों का चयन किया गया था जिसमें पैरा ऐथलीट दीपा मलिक, पुनिया और फोगाट से पीछे थीं जिनके 78.4 प्वांइट हैं. इसके बाद मणिका बत्रा थीं जिनके 65 प्वाइंट थे तो वहीं विकास और अभिषेक भी इस लिस्ट में थे जिनके 52 और 55.3 प्वाइंट हैं.


क्या है क्रिकेट का सिस्टम?


क्रिकेट के लिए कोई प्वाइंट सिस्टम नहीं ह, तो वहीं ये खेल ओलंपिक खेल भी नहीं है. ऐसे में क्रिकेटरों को सहमति के आधार पर चुना जाता है, जिससे विवाद पैदा होने की आशंका बनी रहती है. कमिटी के एक सदस्य ने स्वीकार किया कि इस बात पर बहस हुई थी कि कोहली के प्रदर्शन को जज कैसे किया जा सकता है क्योंकि प्वाइंट सिस्टम को ओलंपिक और अंतरराष्ट्रीय टूर्नमेंट्स को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है. कोहली का नाम 2016 और 2017 में भी अस्वीकार कर दिया गया था.


प्वाइंट की क्यों होती है जरूरत?


एक व्यक्ति ने बताया कि जब विराट कोहली को चुना जाना था तो लोगों के जरिए हाथ उठाए गए और उस बेसिस पर विराट कोहली को इस पुरस्कार के लिए चुना गया. बता दें कि क्रिकेट खिलाड़ियों के चयन के लिए अभी तक प्वाइंट सिस्टम नहीं है तो वहीं दूसरे खेलों के खिलाड़ियों के लिए ये सिस्टम अभी भी है.


वहीं मीराबाई और श्रीकांत के केस में 7 लोगों ने जहां मीराबई का नाम लिया तो वहीं 6 लोगों ने श्रीकांत का. जिसके बाद इस पुरस्कार के लिए दूसरा नाम मीराबाई का चुना गया. बता दें कि 11 सदस्यों वाली कमिटी के पास ये अधिकार है कि वो इन खिलाड़ियों को 20 प्वाइंट्स अपनी तरफ से दे सकती है जिसके बाद इन खिलाड़ियों को ओलंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप और कॉमनवेल्थ गेम्स में इनके प्रदर्शन को देख उस आधार पर कुल प्वाइंट्स दिया जाता है. प्वाइंट्स टेबल में 17 में से सिर्फ 11 खिलाड़ियों को चुना गया जिन्हें कमिटी ने कुछ इस तरह प्वाइंट्स दिए.


चानू (19), कोहली (18.5), श्रीकांत (18), विनेश (13), रोहन बोपन्ना (12), बजरंग पुनिया (12), नीरज चोपड़ा (15), दीपा मलिक (12), विकास कृष्णन (14) मणिका बत्रा (13) और पैरा रेसलर विरेन्दर सिंह (12).


इसके बाद कुल प्वाइंट्स की बात करें तो इन खिलाड़ियों को कुल प्वाइंट्स ये मिले.


चानू 63 (44+19), पुनिया का 92 (80+12), फोगाट का 93 (80+13), मलिक का 90.4 (78.4+12), बत्रा 78 (65+13) और विकास के 66 (52+14) प्वाइंट्स मिले.


पुनिया जाएंगे कोर्ट


गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स और जकार्ता एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाले पुनिया ने कहा कि, ' कमिटी ने मुझे सबसे ज्यादा प्वाइंट्स दिए लेकिन देश के सबसे बड़े अवार्ड के लिए मुझे नामित नहीं किया गया. अगर ऐसा ही है तो इस अवार्ड में इन प्वाइंट्स का फिर क्या फायदा.' बजरंग पुनिया ने आगे कहा कि, ' मैं विराट कोहली और मीराबाई चानू की बहुत इज्जत करता हूं वो इस अवार्ड को पाने के लिए बिलकुल इसके हकदार हैं लेकन अगर मैं चानू के साथ अपनी तुलना करूं तो ये गलत हैं. लेकिन अगर उसके खेल और उसके प्रदर्शन को देखते हुए उसे अवार्ड मिल रहा है तो फिर मुझे भी मिलना चाहिए.' उन्होंने आगे कहा कि वो खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर से मिले लेकिन उन्हें सिर्फ दिलासा दिया गया. पुनिया ने कहा कि वो इस चीज को लेकर अगले साल तक नहीं रुकने वाले हैं.


इस साल के खेल रत्न अवार्ड कमिटी में दिल्ली हाई कोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस इंदरमीत कौल, पूर्व स्पोर्ट्सपर्सन अश्विनी नचप्पा, कमलेश मेहता, समरेश जंग और विमल कुमार शामिल थे.