भारत के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन एक स्ट्रीट-स्मार्ट क्रिकेटर हैं, जो किसी के लिए भी रहस्य नहीं हैं.. उनकी कैरम गेंद और दूसरी तरह की गेंदबाजी उन्हें काफी मजबूत स्पिनर बनाती है.. अश्विन ने 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बैंगलोर टेस्ट में डेविड वार्नर को आउट करने की योजना के बारे में खुलासा किया और बताया कि कैसे उन्हें आउट करने के लिए विराट के साथ उन्होंने प्लानिंग की थी.
बेंगलुरु टेस्ट की पहली पारी में भारत 189 रन पर आउट हो गया था, क्योंकि नाथन लॉयन ने 8 विकेट लेकर बेहतरीन प्रदर्शन किया था.. भारत को खेल में वापस लाने के लिए अश्विन को गेंदबाजी में लगाया गया.. अश्विन के लिए सबसे बड़ी दो बाधाएं डेविड वार्नर और स्टीव स्मिथ थे.
अश्विन ने वार्नर को आउट करने की रणनीति बनाई, लेकिन उन्होंने खुलासा किया कि वह कप्तान विराट कोहली को बताने के लिए गए थे, जब वह विकेटकीपर रिद्धिमान साहा के साथ प्लेस्टेशन खेल रहे थे.
अश्विन ने बताया कि, "विराट साहा के साथ प्लेस्टेशन खेल रहे थे और मैंने उनके कमरे में जाकर कहा, 'विराट, मुझे लगता है कि यह क्या हो रहा है, नाथन लॉयन को पहली पारी में विकेट मिले थे और विकेट काफी बेहरीन था इसलिए किसी भी तरह से लोगों का इस तरह से मेरे पास आना और यह कहना था कि जब लॉयन को विकेट मिल सकता है तो अश्विन को क्यों नहीं मिल सकता.
"लेकिन मैं वहां बेहतरीन प्रदर्शन करना चाहता था जहां मैं मैच को आगे बढ़ाऊं और उसपर कंट्रोल करूं.. मुझे लग रहा था कि मैं डेविड वॉर्नर का विकेट ले सकता हूं भले ही वो डिफेंसिव क्यों न खेलें.
हमें इस खेल को विराम मोड पर रखने की आवश्यकता थी तो वहीं मुझे ये भी लगा कि स्मिथ और वॉर्नर ने ऑफ स्पिनर के लिए बहुत अभ्यास किया है. इसलिए मैं पूरी तरह से उस मैच को बदलना चाहता था.
अश्विन ने कहा कि, मैंने जब सबकुछ विराट को बताया तो उन्होंने मुझपर भरोसा जताया और कहा कि तुम्हें जैसी गेंदबाजी करनी है करो. इसके बाद डेविड वॉर्नर पहली इनिंग्स में आउट हो गए. मैंने स्टम्प्स की दूसरी तरफ से गेंदबाजी करना शुरू किया जिसका मुझे फायदा हुआ.
अश्विन ने पहली पारी में 2 विकेट चटकाए थे, जिसमें वार्नर भी शामिल थे और दूसरी पारी में उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी क्रम में 41 रन देकर छह विकेट लिए. अंत में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को 75 रनों से हराया और सीरीज को बराबर किया.