टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर वसीम जाफर और क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के बीच विवाद छिड़ा हुआ है. सीएयू ने वसीम जाफर पर धर्म आधारित चयन को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. टीम इंडिया के उपकप्तान अंजिक्य रहाणे ने मुंबई टीम के अपने पूर्व साथी वसीम जाफर से जुड़े विवाद पर टिप्पणी करने से इंकार किया. रहाणे ने कहा कि उन्हें इस मामले के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
वसीम जाफर ने इसी हफ्ते उत्तराखंड की टीम के कोच पद से इस्तीफा दिया है. जाफर ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज किया है. उत्तराखंड क्रिकेट संघ के अधिकारियों द्वारा लगाए गए आरोपों पर वसीम जाफर ने कहा कि उन्होंने टीम में कभी भी मुस्लिम खिलाड़ियों का पक्ष नहीं लिया.
अंजिक्य रहाणे ने मामले की जानकारी नहीं होने की वजह से टिप्पणी नहीं की. रहाणे ने कहा, ''सर, मुझे इस मुद्दे के बारे में कोई जानकारी नहीं है, क्या हुआ है, इसलिए मुझे नहीं लगता कि मुझे इस विषय पर टिप्पणी करनी चाहिए क्योंकि मुझे कोई जानकारी नहीं है.''
जाफर को मिला अनिल कुंबले का साथ
रहाणे और रणजी ट्रॉफी के सबसे सफल बल्लेबाज जाफर मुंबई और पश्चिम क्षेत्र के लिए एक साथ खेले हैं. दोनों ने एक साथ इंडियन आयल कारपोरेशन का भी प्रतिनिधित्व किया.
जाफर को पूर्व भारतीय कप्तान और कोच अनिल कुंबले का समर्थन मिला है जो अभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की क्रिकेट समिति के प्रमुख हैं. इसके अलावा पूर्व भारतीय खिलाड़ियों इरफान पठान और मनोज तिवारी तथा मुंबई के पूर्व बल्लेबाज शिशिर हट्टनगढ़ी ने भी जाफर का समर्थन किया.
क्या वसीम जाफर ने फील्ड में मौलवियों को बुलाया? जानिए- पूर्व क्रिकेटर का जवाब