वसीम जाफर ने छोड़ा उत्तराखंड क्रिकेट टीम के कोच का पद, टीम चयन प्रक्रिया में दखलंदाजी से थे नाराज
जाफर को पिछले साल मार्च में उत्तराखंड क्रिकेट टीम के कोच की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी. जाफर ने आरोप लगाया कि उन्हें उनकी पसंद की टीम नहीं दी जा रही है. विजय हजारे ट्रॉफी को लेकर जो टीम चुनी गई है, उसको लेकर पहले उनसे बातचीत नहीं की गई.
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर ने उत्तराखंड क्रिकेट टीम के कोच के पद से इस्तीफा दे दिया है. जाफर राज्य की टीम की चयन प्रक्रिया में दखल को लेकर नाराज थे और इसी से दुखी होकर उन्होंने पद छोड़ने का फैसला लिया. उत्तराखंड क्रिकेट संघ ने उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है.
चयन प्रक्रिया से थे नाराज
20 फरवरी से शुरू होने वाली विजय हजारे ट्रॉफी से पहले उत्तराखंड की क्रिकेट टीम का चयन होना था. जाफर ने उत्तराखंड क्रिकेट संघ को भेजे ई-मेल में लिखा, "मैं बहुत दुखी मन के साथ आप सभी को सूचित कर रहा हूं कि मैं तत्काल प्रभाव से उत्तराखंड क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के पद से इस्तीफा दे रहा हूं. राज्य के इन प्रतिभावान खिलाड़ियों के पास असीम संभावनाएं हैं और मैं इनके लिए बेहद दुखी हुं. मैं इन्हें बहुत कुछ सिखाना चाहता था लेकिन खिलाड़ियों के चयन के लिए चयनकर्ताओं और सचिवों के हस्तक्षेप की वजह से उन्हें मौका नहीं मिल पा रहा है. उत्तराखंड क्रिकेट टीम के मानद सचिव अगर इस तरह के काम के माहौल को विकसित करना चाहते हैं जिसमें मुझे टीम के कल्याण और प्रदर्शन से संबंधित कुछ निर्णय नहीं लेने देंगे, तो मेरे लिए मुख्य कोच के रूप में बने रहने का कोई कारण नहीं है."
सीएयू के सचिव माहिम वर्मा ने जाफर के दावों को किया खारिज
सीएयू के सचिव माहिम वर्मा ने हालांकि जाफर के दावों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि "जाफर की बातें बेबुनियाद हैं. राज्य टीम का कोच होने के नाते उन्होंने जिस भी चीज की मांग की थी उन्हें वह सब कुछ उपलब्ध कराया गया था. सत्र की शुरुआत से पहले उन्हें एक महीने का शिविर लगाने की अनुमति भी दी गयी. इसके अलावा हमनें उन्हें अपनी पसंद के बाहरी खिलाड़ियों, प्रशिक्षक और गेंदबाजी कोच का चयन करने दिया, लेकिन चयन को लेकर उनका हस्तक्षेप बहुत अधिक हो रहा था." वर्मा ने कहा कि "उत्तराखंड क्रिकेट बोर्ड जाफर के कोच रहते सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में टीम के प्रदर्शन से खुश नहीं था. इसके बाद टीम के चयनकर्ता कुछ अन्य खिलाड़ियों को आजमाना चाहते थे, लेकिन जाफर अपनी टीम चुनने पर जोर देते रहे, जो सही नहीं हैं क्योंकि चयनकर्ता भी अपना काम करने ही बैठे हैं."
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