वेस्टइंडीज के कप्तान जेसन होल्डर ने इस बात की पुष्टि की है कि उनकी टीम ब्लैक लाइव्स मैटर का लोगो इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज रैज़दीबैट में पहनेगी. क्रिकेट इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब आईसीसी ने राजनीतिक विवाद और नसल्वाद को लेकर खेल के मैदान पर कुछ ऐसा करने की अनुमति दी है.


आईसीसी ने हाल ही में आईसीसी बोर्ड मीटिंग में नसल्वाद और नस्लीय दुर्व्यवहार और भेदभाव को लेकर बात की थी. लेकिन इस बीच अब एक और विवाद की वापसी हो रही है और वो धोनी का पिछले साल के वर्ल्ड कप में बलिदान बैज का ग्लव्स पहनना और आईसीसी का इसपर ये कहकर उसे हटा देना कि ये आईसीसी के नियम के खिलाफ और आईसीसी राजनीतिक या धार्मिक बयान की अनुमति नहीं देता है.


इस दौरान भारतीय क्रिकेट बोर्ड आईसीसी के साथ लगातार संपर्क में था जहां अगले ही मैच में धोनी को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने ग्लव्स पर से उस लोगो को हटाना पड़ा. ऐसे में इसपर भारत में काफी हड़कंप भी मचा और ये कहा गया कि बीसीसीआई को इसके लिए लड़ना चाहिए था.


हालांकि पिछले एक साल में चीजें बहुत बदल गई हैं, और विशेष रूप से अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड के मारे जाने के बाद दुनिया भर में बड़े पैमाने पर आक्रोश फैल रहा है. वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान डेरेन सैमी ने भी आईसीसी को मजबूर किया कि वह इस पर ध्यान दें और संज्ञान ले.


आईसीसी ने अपनी ओर से कहा है कि आईसीसी द्वारा स्वीकृत लोगो कोई धार्मिक या राजनीतिक नहीं है और विशुद्ध रूप से समावेशीता के लिए कहता है और अपने जातिवाद विरोधी रुख के साथ अच्छी तरह खड़ा है.


आईसीसी प्रवक्ता ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि, "आईसीसी नस्लवाद के खिलाफ खड़ा है और उसे अपने खेल की विविधता पर गर्व है. हम खिलाड़ियों को अधिक न्यायपूर्ण समाज के लिए अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए उनके मंच का उपयोग करने का सपोर्ट करते हैं. हम इस मुद्दे के संबंध में नजर बनाएं रखे हुए हैं. और मैच अधिकारियों द्वारा मामले के आधार पर उनका मूल्यांकन किया जाएगा.


कप्तान जेसन होल्डर ने रविवार को एक बयान में कहा, "हमारा मानना ​​है कि हमारा कर्तव्य है कि हम एकजुटता दिखाएं और जागरूकता बढ़ाने में मदद करें."