डिएगो माराडोना का क्या है भारत से कनेक्शन? क्यों वे भारत में थे इतने पॉपुलर
माराडोना ने 91 मैचों में 34 गोल किए. क्लब स्तर की बात करें तो माराडोना ने 588 मैचों में 312 गोल किए थे. बार्सिलोना की ओर से माराडोना एक भी यूरोपीय कप नहीं जीत पाए. माराडोना को केवल एक बार दुनिया का श्रेष्ठ फुटबॉलर घोषित किया गया.
अर्जेटीना के दिग्गज फुटबॉल खिलाड़ी डिएगो माराडोना का बुधवार को 60 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. माराडोना के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने अपने दम पर अर्जेंटीना को 1986 में मेक्सिको में हुआ विश्व कप जितवाया था. इसी टूर्नामेंट में उन्होंने वे दो गोल किए थे जिनकी गिनती सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ गोलों में होती है. क्वार्टरफाइनल मुकाबले में इंग्लैंड के खिलाफ किए गए इन गोलों को दुनिया हैंड ऑफ गॉड और द गोल ऑफ द सेंचुरी के नाम से जानती है.
बहुत गरीब परिवार में पैदा हुए माराडोना को अर्जेंटीना में हीरो माना जाता है. माराडोना ने 91 मैचों में 34 गोल किए. क्लब स्तर की बात करें तो माराडोना ने 588 मैचों में 312 गोल किए थे. बार्सिलोना की ओर से माराडोना एक भी यूरोपीय कप नहीं जीत पाए. माराडोना को केवल एक बार दुनिया का श्रेष्ठ फुटबॉलर घोषित किया गया.
कोलकाता में अर्जेटीना के दिग्गज फुटबॉल खिलाड़ी डिएगो माराडोना ने 11 दिसंबर 2017 को कहा था कि वह एक साधारण फुटबॉल खिलाड़ी हैं और इस कारण उन्हें ‘फुटबॉल का भगवान’ कहना ठीक नहीं. इस कार्यक्रम में 1986 वर्ल्ड कप की ट्रॉफी लिए माराडोना की 12 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया गया था.
भारत के फुटबॉल लवर उन्हें काफी पसंद करते थे. भारत में कई लोगों का ख्वाब था कि डिएगो मारोडोना को वह सामने से देख पाएं. हालांकि, जिस वक्त वह कोलकाता आए थे कई कई फुटबॉल लवर का यह सपना पूरा भी हुआ था.