Swapnil Kusale: पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रचने वाले स्वप्निल कुसाले कौन हैं? यहां जानें सबकुछ
Who is Swapnil Kusale: स्वप्निल कुसाले ने मेंस 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन के फाइनल में तीसरा स्थान हासिल किया. इस भारतीय शूटर ने 451.4 प्वॉइंट्स के साथ ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया.
Swapnil Kusale Profile: पेरिस ओलंपिक में भारतीय शूटर स्वप्निल कुसाले ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. स्वप्निल कुसाले ने मेंस 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन के फाइनल में तीसरा स्थान हासिल किया. इस भारतीय शूटर ने 451.4 प्वॉइंट्स के साथ ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया. साथ ही स्वप्निल कुसाले ओलंपिक की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में मेडल जीतने वाले पहले भारतीय शूटर हैं. भारतीय शूटर ने नीलिंग और प्रोन सीरीज के बाद स्वप्निल कुसाले 310.1 प्वॉइंट्स के साथ पांचवें नंबर पर थे, लेकिन इसके बाद शानदार वापसी किया.
लेकिन क्या आप स्वप्निल कुसाले की कहानी जानते हैं? दरअसल, इस भारतीय शूटर की कहानी पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी से काफी मेल खाती है. स्वप्निल कुसाले भी माही की तरह भारतीय रेलवे में टीसी का काम करते हैं. पूर्व भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी भी इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने से पहले भारतीय रेलवे में टीसी का काम कर चुके थे. वहीं, स्वप्निल कुसाले महाराष्ट्र के कोल्हापुर के कंबलवाड़ी गांव से ताल्लुक रखते हैं. स्वप्निल कुसाले तकरीबन 12 सालों से इंटरनेशनल लेवल पर शूटिंग कर रहे हैं, लेकिन पहली बार मेडल जीतने में कामयाबी मिली है.
Exceptional performance by Swapnil Kusale! Congrats to him for winning the Bronze medal in the Men's 50m Rifle 3 Positions at the #ParisOlympics2024.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 1, 2024
His performance is special because he’s shown great resilience and skills. He is also the first Indian athlete to win a medal in… pic.twitter.com/9zvCQBr29y
दरअसल, स्वप्निल कुसाले पूर्व भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी को अपना आदर्श मानते हैं. वह बताते हैं कि उन्होंने माही की लाइफ पर बनी फिल्म एमएस धोनी; अनटोल्ड स्टोरी कई बार देख चुके हैं. स्वप्निल कुसाले ने अपने इंटरव्यू में बताया कि वह निशानेबाजी में किसी खास खिलाड़ी से प्रेरणा नहीं लेते हैं, लेकिन बाकी खेलों में धोनी मेरे पसंदीदा हैं. मेरे खेल में शांतचित रहने की जरूरत है और वह भी मैदान पर शांत रहते थे, वह भी कभी टीसी थे और मैं भी हूं.
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