एमएस धोनी और सौरव गांगुली में कौन रहा बेहतर कप्तान? पार्थिव पटेल ने दिया ये जवाब
विकेटकीपर बल्लेबाज़ पार्थिव पटेल का मानना है कि सौरव गांगुली, एमएस धोनी की तुलना में अधिक प्रभावशाली कप्तान थे. पटेल ने कहा कि भले ही गांगुली ने कोई बड़ा खिताब नहीं जीता, लेकिन उन्होंने एक सर्वश्रेष्ठ टीम बनाई.
नई दिल्ली: क्रिकेट जगत में अक्सर एमएस धोनी और सौरव गांगुली में कौन बेहतर कप्तान रहा, इसे लेकर बेहस होती रहती है. हाल ही में गौतम गंभीर ने गांगुली को धोनी से बेहतर कप्तान बताया था और अब इस बहस में विकेटकीपर बल्लेबाज़ पार्थिव पटेल भी कूद गए हैं. हालांकि, पटेल का भी मानना है कि धोनी की तुलना में गांगुली ही ज्यादा प्रभावशाली कप्तान रहे हैं.
स्टार स्पोर्ट्स के शो 'क्रिकेट कनेक्टड' में जब पार्थिव पटेल से पूछा गया कि धोनी और गांगुली में कौन बेहतर कप्तान रहा तो उन्होंने गांगुली का नाम लिया. उन्होंने कहा कि इन दोनों कप्तानों की तुलना सही है. एक ने बतौर कप्तान कई खिताब जीते हैं जबकि दूसरे ने कप्तान के रूप में एक सर्वश्रेष्ठ टीम का निर्माण किया.
पार्थिव ने गांगुली को बताया ज्यादा प्रभावशाली
इस विकेटकीपर बल्लेबाज़ ने कहा, 'सौरव गांगुली ने एक ऐसी टीम बनाई, जिसने विदेश में जीतना शुरू किया. ऐसा नहीं है कि पहले हम विदेश में जीतते नहीं थे, लेकिन गांगुली की कप्तानी में यह आम हो गया था. उनकी कप्तानी में हमने ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान समेत विदेशों में कई बड़े टेस्ट जीते. उन्होंने 2003 विश्व कप में भारत को फाइनल तक पहुंचाया जबकि किसी ने भी इसकी उम्मीद नहीं की थी.'
पार्थिव ने आगे कहा कि धोनी ने भले ही कई खिताब जीते. वह आईसीसी की सभी ट्रॉफी जीतने वाले दुनिया के पहले कप्तान भी हैं, लेकिन फिर भी मैं अपना वोट दादा को दूंगा. क्योंकि दादा ने शून्य से स्टार्ट किया और एक शानदार टीम बनाई.
खिलाड़ियों पर विश्वास दिखाते थे दादा- पार्थिव
पार्थिव का मानना है कि धोनी की तुलना में दादा खिलाड़ियों पर अधिक विश्वास दिखाते थे. उन्होंने कहा कि गांगुली अक्सर खिलाड़ियों के असफल होने पर उन्हें अपने कमरे में बुलाते थे और उनसे बात करते थे. वह हमेशा अपने खिलाड़ियों से कहते थे कि उन्हें डरने की जरूरत नहीं है और वह हमेशा उनके साथ हैं.
गांगुली की कप्तानी में भारत के लिए डेब्यू करने वाले पार्थिव ने आगे कहा कि मैं जब ब्रिस्बेन में नई गेंद के खिलाफ खेल रहा था, तब दादा ने शतक लगाया था. मैं जेसन गिलेस्पी के खिलाफ खेल रहा था और हर गेंद के बाद वो मेरे पास आते और मेरी बल्लेबाजी की तारीफ करते थे. ऐसा करने से काफी फर्क पड़ता है और वो यह मेरे साथ नहीं बल्कि सभी खिलाड़ियों के साथ करते थे.'
बेहद खराब वक्त में कप्तान बने थे दादा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दादा ऐसे वक्त में कप्तान बने थे जब टीम पर फिक्सिंग के गंभीर आरोप लगे थे. प्रशंसकों की नज़रों में टीम गिर चुकी थी और कई खिलाड़ी एकसाथ टीम से बाहर हो गए थे. गांगुली ने अपनी कप्तानी में भले ही कोई बड़ा खिताब नहीं जीता, लेकिन उन्होंने भारत को ऐसे कई खिलाड़ी दिए, जिन्होंने टीम इंडिया को 2011 विश्व कप जिताने में अहम भूमिका निभाई.
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