Wimbledon History & Winning Prize: सोमवार से विम्बलडन की शुरूआत ऑल इंग्लैंड क्लब लंदन में हो रही है. यह टेनिस इतिहास का सबसे पुराना टूर्नामेंट है. इस टूर्नामेंट की शुरुआत 146 साल पहले हुई थी. इस साल विम्बलडन का 136वां संस्करण खेला जाएगा. दरअसल, 2 वर्ल्ड वार और साल 2020 में कोविड-19 की वजह से टूर्नामेंट का आयोजन नहीं हो सका था. बहरहाल, विम्बलडन  टेनिस के 4 ग्रैंड स्लैम में सबसे प्रतिष्ठित माना जाता है. लेकिन क्या आप इस टूर्नामेंट की प्राइज मनी जानते हैं? आज हम आपको बताएंगे विम्बलडन की प्राइज मनी और इससे संबंधित रोचक फैक्ट्स.


विम्बलडन में खिलाड़ियों को कितने पैसे मिलते हैं?


पिछले साल की तुलना में इस साल तकरीबन 11 फीसदी ज्यादा प्राइज मनी मिलेगी. दोनों सिंगल्स चैंपियन को तकरीबन 24.49 करोड़ रुपए की इनामी राशि मिलेगी. इसके अलावा रनर अप को 12.25 करोड़ रुपए की प्राइज मनी मिलेगी. इस साल टूर्नामेंट में तकरीबन 465 करोड़ रुपए बांटे जाएंगे. वहीं, पिछले साल की बात करें तो मेंस और वीमेंस चैंपियन को तकरीबन 20.85 करोड़ रुपए की इनामी रासि मिली थी. हालांकि, आपको जानकर हैरानी होगी कि साल 1968 से पहले विम्बलडन में प्राइज मनी नहीं दी जाती थी.


146 साल से नहीं बदली है ट्रॉफी...


टेनिस प्रोफेशनल गेम साल 1968 में बना. उस साल मेंस चैंपियन को 2000 पाउंड और वीमेंस चैंपियन को 750 पाउंड की राशि मिली थी. इसके अलावा साल 2007 तक मेंस और वीमेंस कैटेगरी को अलग-अलग प्राइज मनी मिलती थी, लेकिन साल 2008 में बदलाव किया गया. इसके बाद ग्रैंड स्लैम में दोनों कैटेगरी के खिलाड़ियों को समान इनामी राशि मिलने लगी. साथ ही विम्बलडन में 1887 से मेंस सिंगल के विनर को ट्रॉफी दी जा रही है. मेंस सिंगल के विनर को 18.5 इंच लंबा और 7.5 इंच चौड़ा कप मिलता है. हालांकि, विनर को ट्रॉफी की नकल मिलती है. इस ट्रॉफी पर पिछले चैंपियन खिलाड़ियों का नाम होता है, जबकि असली ट्रॉफी ऑल इंग्लैंड क्लब के म्यूजियम में ही रखी जाती है.


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