सुरेश रैना और इरफान पठान चाहते हैं कि भारतीय खिलाड़ी लें विदेशी टी20 लीग में हिस्सा
दोनों ने इंस्टाग्राम लाइव सेशन में कहा कि, जो खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम से अनुबंधित नहीं हैं उन्हें बाहर खेलने की मंजूरी दी जाए. कम से कम हमें दो अलग-अलग विदेशी लीगों में खेलने की अनुमति तो मिल ही सकती है.
भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर सुरेश रैना और पूर्व हरफनमौला इरफान पठान ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय टीम के लिये चयन की दौड़ में जो खिलाड़ी शामिल नहीं हैं, उन्हें विदेशी टी20 लीगों में खेलने की अनुमति मिलनी चाहिये . रैना और पठान ने इंस्टाग्राम लाइव सेशन के दौरान कहा ,‘‘ बीसीसीआई को आईसीसी या विदेशी लीग की फ्रेंचाइजी से बात करके हमें दो अलग अलग विदेशी लीगों में खेलने की अनुमति देनी चाहिये .’’
वहीं इरफान ने कहा ,‘‘ अलग अलग देशों में अलग अलग सोच होती है . माइक हस्सी ने आस्ट्रेलिया के लिये 29 वर्ष की उम्र में पदार्पण किया जबकि भारत में यह संभव ही नहीं है . मेरा मानना है कि जब तक आप फिट हों, आपको देश के लिये खेलने के लिये उपलब्ध रहना चाहिये .’’
रैना ने कहा कि, “मुझे उम्मीद है कि बीसीसीआई आईसीसी और फ्रेंचाइजियों के साथ मिलकर इस बात को लेकर रणनीति बनाएगी कि जो खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम से अनुबंधित नहीं हैं उन्हें बाहर खेलने की मंजूरी दी जाए. कम से कम हमें दो अलग-अलग विदेशी लीगों में खेलने की अनुमति तो मिल ही सकती है. अगर हम विदेशी लीगों में अच्छा कर सके तो यह हमारे लिए अच्छा होगा. काफी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों ने इन लीगों में खेल कर वापसी की है.”
बता दें कि पठान जम्मू कश्मीर के कोच थे. इसपर उन्होंने कहा कि, जब जम्मू एवं कश्मीर टीम ने मुझसे बात की थी तब मेरे पास तीन लीग के प्रस्ताव थे. मैं पहली टीम का नाम नहीं लूंगा, लेकिन मैंने उन्हें साफ मना कर दिया था. दूसरा प्रस्ताव कैरिबियन प्रीमियर लीग से था. मेरे हाथ में करार था, बस मुझे मंजूरी लेनी थी और संन्यास लेना था. तीसरा प्रस्ताव टी-10 लीग से था. मुझे सिर्फ संन्यास की घोषणा करनी थी. मैं उस समय नियमों को समझने के लिए बीसीसीआई के चक्कर लगा रहा था. लेकिन मुझे लगा कि जम्मू एवं कश्मीर क्रिकेट की सेवा करने से बेहतर कुछ नहीं है.”
दोनों खिलाड़ियों ने सेलेक्टर्स को भी टारगेट किया. रैना ने कहा कि उनसे एमएसके प्रसाद ने कोई बात नहीं की थी जबकि वो पहले कह चुके हैं कि वो रैना के पास गए थे तो वहीं इरफान ने भी कहा कि उन्हें भारतीय सेलेक्टर्स ने 30 साल की उम्र में ही बूढ़ा बना दिया था.