मैरी कॉम ने रचा इतिहास, वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में छठी बार जीता गोल्ड
यह मैरी कॉम का विश्व चैम्पियनशिप में छठवें गोल्ड मेडल के साथ कुल आठवां पदक है. मैरी कॉम विश्व चैम्पियनशिप में छह गोल्ड पदक जीतने वाली पहली महिला बॉक्सर बन गई हैं.
नई दिल्ली: ओलम्पिक ब्रॉन्ज मेडल विजेता भारत की दिग्गज बॉक्सर एमसी मैरी कॉम ने वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में छठी बार गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम के के.डी. जाधव हॉल में खेले गए इस मुकाबल में मैरी ने यूक्रेन की हना ओखोटा को 5-0 से हराया. यह मैरी कॉम का विश्व चैम्पियनशिप में छठवें गोल्ड मेडल के साथ कुल आठवां पदक है. मैरी कॉम विश्व चैम्पियनशिप में छह गोल्ड पदक जीतने वाली पहली महिला बॉक्सर बन गई हैं.
मैरी ने इस तरह क्यूबा के महान पुरूष मुक्केबाज फेलिक्स सेवोन की बराबरी कर ली जो विश्व चैम्पियनशिप में छह खिताब जीत चुके हैं. इससे पहले वह आयरलैंड की केटी टेलर के साथ बराबरी पर थी जो पांच बार विश्व चैम्पियन रह चुकी हैं.
‘मैग्नीफिशंट मैरी’ मुकाबले के पहले राउंड में मैरी कॉम ने दायें हाथ से सीधा तेज पंच लगाकर शुरूआत की. इसके बाद उन्होंने विपक्षी खिलाड़ी को जरा भी मौका नहीं दिया और बीच बीच में तेजी से मुक्के जड़ते हुए पांचों जज से पूरे अंक हासिल किये. इस दौरान दोनों एक दूसरे के ऊपर गिर भी गयी थी.
दूसरे राउंड में कोच की सलाह के बाद हाना ने आक्रामक होने की पूरी कोशिश की, पर पांच बार की विश्व चैम्पियन के सामने उनकी एक नहीं चली. हालांकि इसमें यूक्रेन की मुक्केबाज ने दायें हाथ से लगाये गये शानदार मुक्कों से कुछ बेहतरीन अंक जुटाये लेकिन वह मैरी कॉम से आगे नहीं निकल सकीं. मैरी कॉम ने अपनी चिर परिचित शैली में खेलते हुए जानदार पंच से विपक्षी का हौसला पस्त करना जारी रखा.
जो तीसरे राउंड में भी जारी रहा. इसमें भी भारतीय मुक्केबाज का जलवा कायम रहा, उन्होंने दबदबा जारी रखते हुए तेजी से कई पंच विपक्षी मुक्केबाज के मुंह पर जमा दिये. ऐसा दिख रहा था कि विपक्षी मुक्केबाज उनके सामने निरूत्तर थी. उसने कई बार जोरदार मुक्कों से वापसी का प्रयास किया, लेकिन अनुभवी मैरी कॉम के पास उनकी हर चाल का जवाब था.
मैरीकाम ने खचाखच भरे स्टेडियम में घरेलू दर्शकों के सामने दूसरा स्वर्ण पदक हासिल किया. यह उनका विश्व चैम्पियनशिप में सातवां पदक है, इससे पहले वह पांच स्वर्ण और एक रजत जीत चुकी थी. मुकाबला जीतने के बाद मैरी कॉम काफी भावुक हो गयीं और खुशी की वजह से उनके आंसू थम नहीं रहे थे. उन्होंने इस पदक को देश को समर्पित किया.
मैरी कॉम इस जीत के बाद भावुक हो गईं. भावुक मैरी ने कहा, "मैं इस जीत के लिए अपने सभी प्रशंसकों का शुक्रिया अदा करती हूं, जो मुझे यहां समर्थन करने के लिए आए. मैं आप सभी की तहेदिल से शुक्रगुजार हूं. मेरे लिए यह महान पल है."
लंदन ओलंपिक की कांस्य पदकधारी मैरी कॉम को निश्चित रूप से अपार अनुभव का फायदा मिला. उन्होंने कोच की रणनीति के अनुसार खेलते हुए लाइट फ्लाईवेट फाइनल में अपने से 13 साल छोटी हाना को 5 - 0 से पराजित किया जो युवा यूरोपीय चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता है. मैरी कॉम ने हाल में सितंबर में पोलैंड में हुई सिलेसियान मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में यूक्रेन की इस मुक्केबाज को हराकर फाइनल में प्रवेश कर स्वर्ण पदक हासिल किया था. मणिपुर की इस मुक्केबाज ने अपने सटीक और ताकतवर मुक्कों की बदौलत पांचों जज से 30-27, 29-28, 29-28, 30-27, 30-27 अंक हासिल किये. स्टेडियम में बैठा हर व्यक्ति इस दौरान पैंतीस वर्षीय मैरी कॉम का उत्साह बढ़ा रहा था.