D Gukesh: डिंग लिरेन को हराकर शतरंज की बिसात पर गुकेश का जलवा, चैंपियन बनने से बस तीन कदम दूर
World Chess Championship 2024: भारत के युवा चेस खिलाड़ी डी. गुकेश ने वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप 2024 में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. इस जीत के साथ गुकेश वर्ल्ड चैंपियन बनने के बेहद करीब पहुंच गए हैं.
D Gukesh vs Ding Liren: सिंगापुर में 25 नवंबर से वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप 2024 खेली जा रही है. जिसमें भारतीय ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश शानदार शतरंज चालें चल रहे हैं. डी. गुकेश ने वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप की 11वीं बाजी में चीन के डिंग लिरेन को हराकर इतिहास रचने की ओर कदम बढ़ा दिया है. इस जीत के साथ गुकेश ने 6-5 की बढ़त बना ली है. अभी तीन बाजी बाकी हैं और गुकेश के प्रदर्शन ने उन्हें सबसे युवा शतरंज चैंपियन बनने के और करीब पहुंचा दिया है.
इतिहास रचने के करीब गुकेश
मॉर्डर्न चेस के इतिहास में 10वीं बाजी तक 5-5 की बराबरी के बाद कोई भी खिलाड़ी खिताब नहीं जीत पाया है. गुकेश इस बार ऐसा करके इतिहास में अपना नाम दर्ज करा सकते हैं. उनकी जीत न केवल उनकी प्रतिभा को दर्शाती है बल्कि एक नई भारतीय शतरंज क्रांति का संकेत भी देती है.
11वें गेम में दिखा रोमांचक मोड़
गुकेश ने 11वें गेम की शुरुआत अपने नाइट मूव से की. जवाब में डिंग लिरेन ने अप्रत्याशित रूप से रिवर्स बेनोनी ओपनिंग चुनी, जो उनकी रणनीति का हिस्सा नहीं लग रहा था. इस मूव की वजह से शुरुआती दौर में लिरेन पर दबाव साफ दिखाई दिया.
हालांकि, गेम के बीच में गुकेश ने अपनी रणनीति में एक छोटी सी गलती की, जिससे लिरेन को थोड़ा पलटवार करने का मौका मिला. लेकिन डिंग लिरेन एक आसान चाल चूक गए, जिससे गुकेश को शानदार प्यादा बलिदान के साथ अपने रूक्स के लिए रास्ता बनाने का मौका मिल गया. यह चाल गेम का टर्निंग पॉइंट साबित हुई.
गुकेश ने अपने रूक्स को दोगुना करके जबरदस्त दबाव बनाया और लिरेन ने एक बड़ी गलती की. इस गलती ने गुकेश को जीतने का सीधा मौका दिया. लिरेन इस मौके को भुनाने में विफल रहे और हार मान ली.
अब आगे की रणनीति
डिंग लिरेन के पास दो बाजियों में व्हाइट पीस से वापसी करने का मौका है, जबकि गुकेश को सिर्फ तीन ड्रा की जरूरत है. अगर वह ऐसा करने में सफल हो जाता है, तो वह भारत का पहला और सबसे युवा वर्ल्ड चेस चैंपियन बन जाएगा. अब सबकी नजरें 14 दिसंबर से शुरू होने वाले अगले मैच पर टिकी हैं.
यह भी पढ़ें:
IND vs AUS: भारतीय क्रिकेट के लिए 'डार्क डे' साबित हुआ 8 दिसंबर, एक ही दिन में गंवाए तीन मैच