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ICC ने बदले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के नियम, जानिए टीम इंडिया को कैसे हुआ नुकसान
ईसीसी द्वारा हर सीरीज के लिए 120 अंक दिए जाते हैं. चार टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए जीत पर 30 अंक, टाई होने पर 15 अंक और ड्रॉ होने पर 10 अंक दिए जाएंगे. उदाहरण के लिए भारत ने अगर 2-0 से सीरीज जीती तो उसे 80 अंक मिलेंगे. इस तरह 120 अंकों वाली सीरीज में उसे 66.67 फीसदी पीटीसी मिलेगी.
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के नियमों में बदलाव किया है. आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप के प्वॉइंट टेबल में कोरोना वायरस महामारी की वजह से बदलाव किया गया है. बोर्ड ने अनिल कुंबले की अध्यक्षता वाली आईसीसी क्रिकेट समिति की शर्तों को बदलने के लिए एक सिफारिश को मंजूरी दे दी. अब नए तरीके से टीमों के पॉइंट्स की गिनती होगी. आईसीसी के इस फैसले से टीम इंडिया को झटका लगा है. भारतीय टीम ने प्वॉइंट टेबल में पहले स्थान को गंवा दिया है. अब ऑस्ट्रेलिया पहले नंबर पर काबिज है.
नियम में हुआ है यह बदलाव
कोविड-19 महामारी के कारण अब तक विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के महज आधे मैच ही खेले गए हैं. अनुमान है कि प्रतियोगिता के अंत तक करीब 85 प्रतिशत मैच हो जाएंगे. बदले हुए नियम के अनुसार प्रतियोगिता के पूरे नहीं होने वाले मैचों को ड्रा मानकर दोनों टीमों को बराबर अंक दे दिए जाएंगे. आईसीसी के बयान के अनुसार, 'विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के आधे मैच खेले जा चुके हैं. महामारी के चलते इस सीजन में छह सीरीज को रद्द करना पड़ा है. अगले साल मार्च के अंत तक बाकी टेस्ट श्रृंखलाओं का आयोजन किया जाना है.
मार्च के अंत से मई तक इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का आयोजन होना है. मूल कार्यक्रम के अनुसार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में प्रत्येक टीम को छह सीरीज खेलनी थीं. लेकिन अब केवल भारत ही अपना कोटा पूरा कर पाएगा. ऑस्ट्रेलिया में चार टेस्ट मैचों की सीरीज के बाद भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलेगी. भारत ने अब तक चार सीरीज खेली हैं, जिनमें से तीन में उसने जीत दर्ज की है.
जानें टीम इंडिया पर क्या पड़ेगा प्रभाव
आईसीसी ने वर्ल्ड चैम्पियनशिप की रैंकिंग का आधार अब प्वॉइंट टेबल नहीं जीत के प्रतिशत को बनाया है. इसके हिसाब से जिस टीम का जीत प्रतिशत अधिक होगा, उसके रैंकिंग में ऊपर जाने की संभावना बढ़ जाएगी. आईसीसी द्वारा हर सीरीज के लिए 120 अंक दिए जाते हैं. चार टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए जीत पर 30 अंक, टाई होने पर 15 अंक और ड्रॉ होने पर 10 अंक दिए जाएंगे. उदाहरण के लिए भारत ने अगर 2-0 से सीरीज जीती तो उसे 80 अंक मिलेंगे. इस तरह 120 अंकों वाली सीरीज में उसे 66.67 फीसदी पीटीसी मिलेगी.
भारत ने कोरोना काल से पहले चार सीरीज खेली जहां उसका जीत का प्रतिशत 75 प्रतिशत था, वहीं ऑस्ट्रेलिया ने तीन सीरीज खेलीं और इस दौरान ऑस्ट्रेलिया की जीत का प्रतिशत 82.2 था. इससे पहले टीम इंडिया 360 प्वॉइंट्स के साथ पहले नंबर पर थी और ऑस्ट्रेलिया के 296 प्वॉइंट्स थे.
जानें आईसीसी ने क्या कहा
आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनु साहनी ने कहा, "क्रिकेट समिति और मुख्य कार्यकारी समिति दोनों ने पूर्ण मैचों और अंकों के आधार पर रैंकिंग वाली टीमों के दृष्टिकोण का समर्थन किया क्योंकि यह उनके प्रदर्शन को दर्शाता है. यह उन टीमों को नुकसान नहीं पहुंचाता जो अपने सभी मैचों को पूरा नहीं कर सकी हैं.” उन्होंने कहा कि "हमने विकल्पों के पता लगाया, लेकिन हमारे सदस्यों ने दृढ़ता से महसूस किया कि हमें अगले साल जून में पहली बार विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल के साथ योजना बनानी चाहिए."
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