World Wrestling Championship: भारत को कुश्ती में अपनी पहली महिला विश्व चैंपियन के लिए इंतजार करना पड़ेगा क्योंकि गुरुवार को युवा अंशु मलिक को 57 किग्रा फाइनल में 2016 की ओलंपिक चैंपियन हेलेन लूसी मारोली के खिलाफ शिकस्त के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा.


विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बनी 19 साल की अंशु ने आक्रामक और सकारात्मक शुरुआत की. वह दूसरे पीरियड के बाद 1-0 से आगे थी लेकिन दूसरे पीरियड में हेलेन पूरी तरह हावी रही. हेलेन ने अंशु का हाथ पकड़ा और फिर टेकडाउन मूव के साथ 2-1 की बढ़त बनाई. उन्होंने अंशु के दायें हाथ को नहीं छोड़ा और दो और अंक के साथ 4-1 से आगे हो गई.


गत एशियाई चैंपियन अंशु काफी दर्द में दिख रही थी लेकिन अमेरिकी पहलवान ने अपनी पकड़ कमजोर नहीं होने दी और भारतीय पहलवान को चित्त करके जीत दर्ज की. अंशु को मुकाबले के तुरंत बाद चिकित्सा सहायता लेनी पड़ी और उनकी आंखों में आंसू नजर आ रहे थे.


अंशु हालांकि विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला जबकि पदक जीतने वाली पांचवीं महिला पहलवान बनीं. इससे पहले गीता फोगाट (2012), बबिता फोगाट (2012), पूजा ढांडा (2018) और विनेश फोगाट (2019) विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत चुके हैं.


दिव्या काकरान (72 किग्रा) को सुबह के सत्र में अपने रेपेचेज मुकाबले में शिकस्त झेलनी पड़ी. उन्हें मंगोलिया की दवानासन एंख अमर ने हराया. ग्रीको रोमन पहलवानों ने एक बार फिर निराशाजनक प्रदर्शन किया जो हैरानी भरा नहीं है.


संदीप (55 किग्रा), विकास (72 किग्रा), साजन (77 किग्रा) और हरप्रीत सिंह (82 किग्रा) प्रतियोगिता से बाहर हो गए. सिर्फ साजन एक मुकाबला जीतने में सफल रहे जबकि अन्य तीन पहलवान अपना पहला मुकाबला ही हार गए.


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