क्रिकेट के दीवाने हमारे देश में तीरंदाजों ने भी कम नाम रोशन नहीं किया है. लेकिन पिछले कुछ दिनों में कुछ ऐसा हुआ कि ये तीरंदाज परेशान हो गए. सांसद और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर के एक ट्वीट ने तीरंदाजों को परेशान कर दिया था. गंभीर ने हालांकि बाद सफाई देकर बताया कि यमुना स्पोर्ट्स ग्राउंड में मौजूद तिरंदाजी कॉमपेल्स पहले की तरह बना रहेगा.
दरअसल, गौतम गंभीर ने पहले यमुना स्पोर्ट्स ग्राउंड में क्रिकेट स्टेडियम बनने की बात कही. तीरंदाजों ने इस पर सवाल खड़े करते हुए पूछा कि यमुना स्पोर्ट्स ग्राउंड में मौजूद तीरंदाजी कॉमपेल्स का क्या होगा.
गौतम गंभीर का एक ट्वीट कर कहा, ''विज्ञापन कभी भी मजबूत इरादे और कड़ी मेहनत की जगह नहीं ले सकते. पूर्वी दिल्ली प्रो क्रिकेट के लिए तैयार है.''
तीरंदाज दीपिका कुमारी ने गौतम गंभीर को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा, ''मैं 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में इसी ग्राउंड में खेलकर दीपिका बनीं हूं . तीरंदाजी के इस ग्राउंड को कृपया क्रिकेट ग्राउंड में ना बदलें. यह एशिया के सबसे बेहतरीन तीरंदाजी ग्राउंड में से एक है जहां अंतरराष्ट्रीय तीरंदाजी टूर्नामेंट हो सकते हैं.''
सिर्फ दीपिका ही नहीं, तीरंदाजी सिखाने वाले लोकेश चंद ने भी एक वीडियो में इस फैसले पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि इसी ग्राउंड में साल 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों में तारंदाजी की मेजबानी हुई थी.
गौतम गंभीर ने हालांकि पूरे मामले पर सफाई देते हुए कहा, ''मैं ये बात साफ कर दूं कि यमुना स्पोर्ट्स ग्राउंड को तब्दील नहीं किया जा रहा बल्कि इसे अपग्रेड किया जा रहा है. यहां पर पहले की तरह ही तीरंदाजी और दूसरे खल होते रहेंगे. एक खिलाड़ी होने के नाते मैं कोई भी ऐसा काम नहीं करूंगा जिससे दूसरे खिलाड़ियों को तकलीफ हो.''
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