नई दिल्ली: साल 2017 में टेस्ट क्रिकेट में कई यादगार पारियां देखी गई. जहां भारतीय कप्तान विराट कोहली ने रिकॉर्ड दोहरा शतक लगाया तो ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ ने कई मौकों पर अपनी शतकीय पारी खेल खुद को सर्वश्रेष्ठ घोषित किया. दूसरी तरफ गेंदबाजों ने भी कई मौकों पर जीत की नई दास्तां लिखी. तो आईए बनाते हैं साल 2017 का टेस्ट प्लेइंग इलेवन

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टेस्ट क्रिकेट में सलामी बल्लेबाज की भूमिका सबसे अहम होती है. एक अच्छी साझेदारी पूरे मैच को बदल सकती है. ऐसे में इस साल बेहतरीन प्रदर्शन करने सलामी बल्लेबाजों को देखें तो साउथ अफ्रीका के डीन एल्गर सबकी पसंद हैं. साल की शुरुआत ही उन्होंने शतक के साथ की और बता दिया कि ये पूरा साल उनका रहने वाला है. इस साल खेले 12 मैच की 21 पारी में पांच शतक और चार अर्द्धशतक के साथ कुल 1128 रन बनाए. उनका सर्वोच्च स्कोर 199 का रहा. उन्होंने घर और घर के बाहर पूरे साल शानदार बल्लेबाजी की.





 



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एल्गर की ही तरह वार्नर ने साल के पहले ही टेस्ट में शतक लगाया. हालाकि इस साल वार्नर थोड़े खामोश रहे लेकिन साल के खत्म होते होते करियर में 997 रन जोड़ लिए. उनका करियर औसत जहां 48.72 का है वहीं इस साल उन्होंने 49.85 के औसत से रन बनाए. बांग्लादेश में शतक लगाना साल की उनकी सबसे बेहतरीन पारी थी. एक आक्रामक बल्लेबाज के रूप में वो टेस्ट क्रिकेट को नया रूप देते हैं. उनके बल्ले से इस साल 4 शतक और 4 अर्द्धशतक आए.





 



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साल भर चेतेश्वर पुजारा के बल्ले से खूब रन निकले. भारतीय टीम ने होम ग्राउंड और श्रीलंका में टेस्ट मैच खेले जहां इन्होंने कई मौकों पर टीम को संकट से निकाला और लंबी-लंबी पारियां खेली. पिच पर समय देना इन्हें पसंद है और टेस्ट क्रिकेट में इसकी अहमियत सबसे ज्यादा होती है. पुजारा ने पूरे साल 11 टेस्ट की 18 पारी में 67.05 की औसत से कुल 1140 रन बनाए. इस दौरान उनके बल्ले से 4 शतक और 5 अर्द्धशतक आए. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रांची में उनक बल्ले से एक दोहरा शतक भी आया.





 



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दो खिलाड़ियों के बीच इस स्थान के लिए कड़ी टक्कर है. दोनों ही अपने देश के कप्तान हैं और चौथे नंबर पर जमकर रन बनाते हैं. लेकिन कुछ विषम परिस्थतियों में स्टीव स्मिथ ने शानदार खेल दिखाया इसलिए वो इस बार चौथे नंबर पर हैं. स्मिथ के बल्ले से इस साल सबसे अधिक रन आए. स्मिथ ने 11 मैच की 20 पारी में तीन बार नाबाद रहते हुए 76.76 की औसत से सर्वाधिक 1305 रन बनाए. इस दौरान उन्होंने 6 शतक और    3 अर्द्धशतक लगाए. भारत के खिलाफ पुणे में लगाया उनका शतक कई सालों तक याद किया जाएगा.





 



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स्मिथ के नंबर चार पर जाने के कारण विराट कोहली इस लिस्ट में पांचवें नंबर पर हैं. विराट के लिए भी ये साल कई मायनों में खास रहा बतौर कप्तान और बतौर खिलाड़ी दोनों ही में कोहली का जलवा रहा. कोहली ने इस साल 10 टेस्ट खेले जिसमें उन्होंने 75.64 की औसत से 1059 रन बनाए. इस दौरान पांच शतक लगाए जिसमें तीन दोहरे शतक शामिल हैं. भारत के रन मशीन कोहली हमारी टीम के कप्तान भी हैं.





 



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दिग्गज बल्लेबाजों के बाद अब बारी आती है ऑलराउंडर की. टेस्ट क्रिकेट में तेज गेंदबाज ऑलराउंडर हमेशा से मैच विनर रहे हैं. इस साल बेन स्टोक्स मैदान और मैदान के बाहर दोनों जगह सुर्खियों में रहे. मैदान पर उनका जलवा रहा. लोगों के जुबान पर उनका नाम रहा. उन्होंने इस साल सिर्फ सात टेस्ट खेले लेकिन दो बेहतरीन शतक लगाने में कामयाब रहे. 12 पारी में उन्होंने जहां 527 रन बनाए वहीं 13 पारी में 16 विकेट लेने में भी सफल रहे. उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा 63 रन पर 6 विकेट का.





 



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विकेटकीपर के रूप में इस टीम में हैं साउथ अफ्रीका के बेहतरीन बल्लेबाज और विकेटकीपर क्विंटन डी कॉक. उन्होंने इस साल 12 मैच खेले जिसमें एक शतक के साथ 619 रन बनाए. वो दो बार नर्वस नाइंटी के भी शिकार हुए. विकेट के पीछे उन्होंने 45 कैच और 5 स्टंपिंग किए. एक बेहतर विकेटकीपर बल्लेबाज टीम का बल्लेबाजी में आखिरी गहराई देता है. इस लिस्ट में भारत के ऋिद्धिमान साहा का भी नाम है लेकिन अंत में डी कॉक आगे आए.





 


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पहले स्पिनर के तौर पर इस टीम में रवीन्द्र जडेजा को जगह मिली है. टेस्ट क्रिकेट में उनका खेल इस साल यकीनन अश्विन से बेहतर दिखा. जडेजा ने पूरे साल 10 टेस्ट मैच खेले. उनपर एक मैच का बैन भी लगा लेकिन टॉप फाइव में पहुंचने में सफल रहे. जडेजा ने सभी 20 पारी में गेंदबाजी की और इस दौरान 54 विकेट झटके. इस दौरान तीन बार पारी में पांच या इससे अधिक विकेट झटके. उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा 6/63 का. इस साल वो टॉप टेस्ट गेंदबाज भी बने.





 



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पहले तेज गेंदबाज के तौर पर इस टीम के पसंद बने साउथ अफ्रीका के कगिसो रबाडा. साल के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाज रबाडा ने 11 मैच की 20 पारी में कुल 57 विकेट झटके. इस दौरान उन्होंने तीन बार पारी में पांच और 2 बार मैच में 10 विकेट झटके. उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा 55 रन देकर छह विकेट लेने का. टॉप फाइव में रबाडा इकलौते गेंदबाज हैं जिन्होंने इस साल दो बार मैच में 10 विकेट झटके.





 



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टीम में दूसरे स्पिन के तौर पर जिन्होंने जगह बनाई वो हैं साल के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज नाथन लियोन. 2005 के बाद ये पहला मौका है जब ऑस्ट्रेलिायाई स्पिनर टेस्ट क्रिकेट का सरताज बना. शेन वार्न ने 2005 में 96 विकेट झटके थे. ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफल ऑफ स्पिनर लियोन ने इस साल 11 मैच की 20 पारी में सबसे अधिक 63 विकेट अपने नाम किए. 50 रन देकर 8 विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा.





 



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तेज गेंदबाज के रूप में कई नाम थे लेकिन अंत में जेम्स एंडरसन इस लिस्ट में जगह बनाने में कामयाब रहे. एंडरसन ने कुल 11 टेस्ट खेले. जिसके 21 पारी में उन्होंने चार बार पांच विकेट झटकते हुए कुल 55 विकेट अपने नाम किए. उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा 42 रन देकर सात विकेट लेने का. इस साल एंडरसन ने टेस्ट क्रिकेट में 500 विकेट का आंकड़ा भी पार किया.