नई दिल्ली: पूर्व भारतीय हरफनमौला युवराज सिंह ने पंजाब क्रिकेट संघ (पीसीए) के अनुरोध पर संन्यास से वापसी करने का फैसला किया है. विश्व कप 2011 के ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ रहे युवराज ने पिछले साल जून में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा की थी.


पीसीए सचिव पुनीत बाली पहले व्यक्ति थे जिन्होंने 38 साल के युवराज से पंजाब क्रिकेट के फायदे के लिये संन्यास से वापसी करने की पेशकश की थी.


‘क्रिकबज’ से युवराज ने कहा, ‘‘शुरू में मैं इस पेशकश को स्वीकार करने के बारे में निश्चित नहीं था. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं घरेलू क्रिकेट खेलना बंद कर चुका था, हालांकि मैं दुनियाभर में अन्य घरेलू फ्रेंचाइजी लीग में खेलना जारी रखना चाहता था, अगर मुझे बीसीसीआई से अनुमति मिल जाती.’’


उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं मिस्टर बाली के अनुरोध की अनदेखी नहीं कर सका. मैंने इस पर काफी सोच विचार किया, करीब से तीन से चार हफ्तों तक और यह लगभग ऐसा ही था कि अंत में मुझे सोचा समझा फैसला लेने की जरूरत नहीं थी. ’’


पंजाब की युवा चौकड़ी शुभमन गिल, अभिषेक शर्मा, प्रभसिमरन सिंह और अनमोलप्रीत सिंह के साथ पिछले कुछ महीनों में नेट पर काम करते हुए युवराज को इस खेल के प्रति प्रेरणा और प्यार फिर महसूस हुए.


बाली ने पीटीआई से कहा कि युवराज ने इस संबंध में बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली को लिखा है. उन्होंने खुलासा किया, ‘‘मैं जानता हूं कि उसने संन्यास से वापसी करने के लिये बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली को एक पत्र लिखा है. ’’


उन्होंने कहा, ‘‘हम उसे टीम में चाहते हैं और वह जिस तरह से युवा लड़कों के मेंटर रहे हैं, वह शानदार है. मैंने उनसे कहा कि कृपया अपनी जिंदगी का कम से कम एक और साल पंजाब क्रिकेट को दे दो. ’’


बाली ने कहा, ‘‘पंजाब क्रिकेट को उसकी जरूरत है. बतौर खिलाड़ी और मेंटर उसमें अभी देने के लिये काफी कुछ है. मैं जानता हूं कि दो हफ्ते पहले उसने दादा को लिखा है. इसका जवाब भी अब तक आ गया होगा. ’’ युवराज की मां शबनम सिंह ने कहा कि उसमें अब भी खेल के प्रति जुनून बरकरार है.


उन्होंने कहा, ‘‘ वह दो दिन में दुबई से वापस आ रहा है और फिर हम इसके बारे में लंबी बातचीत करेंगे. आप जो सुन रहे हैं, वो सच ही होगा. ’’ मंगलवार को खबर आयी थी कि वह बिग बैश लीग में खेलना चाहते हैं और क्रिकेट आस्ट्रेलिया उनके लिये एक टीम ढूंढने की कोशिश कर रहा है. बीसीसीआई के नियमों के अनुसार केवल संन्यास लेने वाले क्रिकेटर ही विदेशी लीग में खेल सकते हैं.


युवराज के पिता योगराज सिंह ने कहा, ‘‘वह 20 साल के प्रतिस्पर्धी क्रिकेट के बाद पिछले साल रिटायर हुआ और यह उसका निजी फैसला था जिसमें मैंने हस्तक्षेप नहीं किया. लेकिन तब भी मुझे लगा कि उसे संन्यास नहीं लेना चाहिए था. ’’ उन्होंने कहा ,‘‘ वह हमेशा देता ही आया है . ऐसे समय में भी चिलचिलाती धूप में वह शुभमन, प्रभ और अभिषेक को रोज पांच घंटे ट्रेनिंग करा रहा है.’’


बता दें कि 38 वर्षीय युवराज सिंह ने भारत के लिए 40 टेस्‍ट मैचों में 33.92 की औसत से 1900 रन बनाए, इस दौरान उन्होंने 3 शतक और 11 अर्धशतक लगाए. वहीं 304 वनडे मैचों में युवराज ने 36.55 की औसत से 8701 रन बनाए, जिसमें उनके 14 शतक और 52 अर्धशतक शामिल रहे. वहीं टी-20 करियर की बात की जाए तो युवी ने टीम इंडिया की तरफ से 58 मैचों में 1177 रन बनाए, जिसमें 8 अर्धशतक शामिल हैं. वह 2007 में टी-20 वर्ल्‍डकप और 2011 में वनडे वर्ल्‍डकप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे. उन्होंने बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों से कई अहम मौकों पर टीम को जीत दिलाई. उनके संन्यास से भारतीय क्रिकेट फैन्स को बड़ा झटका लगा था.


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