अहमदाबाद: कोरोना वायरस महामारी के बीच मंगलवार को शुरू हुई इंजीनियरिंग और फार्मेसी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) में गुजरात के 45 फीसदी परीक्षार्थी शामिल नहीं हुए. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि परीक्षा छोड़ने वाले छात्रों का प्रतिशत इसके पहले 25-30 प्रतिशत रहता था और फिलहाल इसमें 10-15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.


राज्य सरकार ने सोमवार को कहा था कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा एक-छह सितंबर के बीच 13 जिलों के 32 केंद्रों में आयोजित की जा रही परीक्षा के लिए 38,167 छात्रों ने पंजीकरण कराया था. गुजरात में जेईई समन्वयक वीरेंद्र रावत ने कहा, ‘‘पहले दिन, 3,020 रजिस्टर्ड छात्रों में से, केवल 1664, यानी 55 प्रतिशत ही उपस्थित रहे, जबकि 1356 (45 प्रतिशत) परीक्षा में शामिल नहीं हुए. आम तौर पर, हर साल 25-30 प्रतिशत छात्र परीक्षा छोड़ देते हैं. इस साल यह आंकड़ा 10-15 से भी अधिक है.” सोमवार को, गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा था कि प्रशासन कोविड-19 महामारी के मद्देनजर हर प्रकार सावधानी बरतने के बाद परीक्षा आयोजित करेगा.


बता दें, कोविड-19 के प्रसार के कारण जेईई मेन्स और मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट के आयोजन को स्थगित करने की मांग की जा रही थी. इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने परीक्षा स्थगित करने के संबंध में एक याचिका को खारिज कर दिया था और कहा था कि छात्रों के बहुमूल्य वर्ष को बर्बाद नहीं किया जा सकता.


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